
हाइलाइट्स
किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली पर रोक
नियम तोड़ने पर अफसरों की सैलरी कटेगी
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
MP Farmer Electricity Supply: मध्यप्रदेश में अब कृषि फीडरों (Agriculture Feeders) पर 10 घंटे से अधिक बिजली सप्लाई देने वाले अधिकारियों की सैलरी कटेगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने इस संबंध में नया आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि राज्य शासन के निर्देशों के मुताबिक कृषि फीडरों को केवल 10 घंटे तक ही बिजली दी जा सकती है। अगर किसी फीडर पर लगातार इससे अधिक बिजली आपूर्ति की गई तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माना जाएगा।
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बिजली कंपनी का नया आदेश
कंपनी के 3 नवंबर 2025 को जारी आदेश के अनुसार, अगर किसी फीडर पर लगातार दो दिन तक 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी जाती है, तो संबंधित असिस्टेंट इंजीनियर (AE) का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। यदि यह स्थिति तीन दिन तक बनी रहती है तो डीजीएम (DGM) का वेतन कटेगा और सात दिनों तक लगातार अतिरिक्त बिजली आपूर्ति होने पर जीएम (GM) का भी वेतन काटा जाएगा।
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इस आदेश का सीधा असर उन जिलों पर पड़ेगा जहां किसानों को सिंचाई के लिए अतिरिक्त बिजली की आवश्यकता पड़ती है। सरकार का तर्क है कि बिजली की सीमित उपलब्धता और कृषि फीडरों के लिए तय शेड्यूल को बनाए रखना जरूरी है।
कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- यह किसानों के साथ अन्याय
इस आदेश के बाद प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे किसानों के खिलाफ बताया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि राज्य में पहले से ही बिजली की भारी कमी है और अब किसानों को 10 घंटे से अधिक बिजली देने पर रोक लगाकर सरकार ने उनके साथ अन्याय किया है।
उन्होंने कहा कि भोपाल जैसे शहरों में भी कटौती हो रही है, गांवों में तो स्थिति और खराब है। सरकार को यह समझना चाहिए कि किसान को 10 घंटे की सप्लाई भी पूरी नहीं मिल रही।
सिंघार ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याओं से दूर रहकर केवल दिखावा कर रही है।
एसआईआर प्रक्रिया पर भी कांग्रेस का हमला
उमंग सिंघार ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “इस प्रक्रिया को जल्दबाजी में किया जा रहा है। भाजपा का असली मकसद क्या है, क्या यह वन नेशन वन इलेक्शन की तैयारी है या फिर पुराने वोटर लिस्ट घोटालों को छिपाने की कोशिश?”
सिंघार ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा की कठपुतली बन गया है और वह सरकार के इशारों पर काम कर रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने के लिए बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए हैं और एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है ताकि आयोग की गड़बड़ियों को उजागर किया जा सके।
MP Voter List Revision: एमपी में आज से शुरू हुआ SIR, कौन-कौन से डॉक्यूमेंट हैं जरूरी?Voter List से नाम कटने पर क्या करें
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मध्यप्रदेश में मतदाता सूची (Voter List) को सटीक और अपडेट करने के लिए आज से विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision- SIR) शुरू हो गया है। बिहार की तर्ज पर यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश के 230 विधानसभा क्षेत्रों में एकसाथ शुरू की गई है। चुनाव आयोग (Election Commission) के निर्देश पर पिछले हफ्ते ही सभी 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को प्रशिक्षण दिया गया था, अब मंगलवार (04 नवंबर) से वे फील्ड पर उतर चुके हैं और 72 हजार से अधिक बूथों पर घर-घर जाकर मतदाताओं से जानकारी पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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