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MP Electricity Supply
हाइलाइट्स
- सिंचाई के लिए 10 घंटे से बिजली देने का मामला
- मुख्य महाप्रबंधन ने जारी किया था विवादित फरमान
- किसानों का आक्रोश बढ़ने से पहले CM का एक्शन
Madhya Pradesh CM Mohan Yadav Electricity Supply Action Update: सिंचाई कनेक्शनधारी किसानों पर बिजली विभाग के हालिया फरमान के बाद चीफ इंजीनियर को हटा दिया है। विवादित सर्कुलर को भी निरस्त कर दिया गया है। इसका लिखित आदेश भी जारी हो गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ा बयान दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार किसानों को पर्याप्त बिजली आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि हमारी सरकार द्वारा किसानों को निर्बाध बिजली दी जाएगी। किसानों को 10 घंटे तक बिजली देंगे, तो देंगे। मुख्यमंत्री ने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए कहा कि जो सरकार की नीति के विपरीत आदेश जारी करते हैं, ऐसे उल्टे आदेश निकालने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
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विवादित सर्कुलर में क्या लिखा है ?
दरअसल, भोपाल संचा-संधा मुख्य महाप्रबंधक एके जैन के हस्ताक्षर वाला एक लेटर वायरल हो रहा है। जिसमें आदेशात्मक भाषा में कहा गया है कि राज्य शासन के निर्देशों के मुताबिक कृषि फीडरों को केवल 10 घंटे तक ही बिजली दी जा सकती है। अगर किसी फीडर पर लगातार इससे अधिक बिजली आपूर्ति की गई तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माना जाएगा।
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कृषि फीडरों पर निर्धारित बिजली आपूर्ति से अधिक होने पर अब सख्त कार्रवाई:
राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, कृषि फीडरों पर निर्धारित 10 घंटे की अवधि से अधिक बिजली आपूर्ति पाए जाने पर अब 31 अगस्त, 2020 के परिपत्र में बताए निर्देशों पर कार्रवाई होगी।
ऑपरेटर के लिए दंड:
यदि किसी माह में किसी कृषि फीडर पर एक दिन में 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई जाती है, तो संबंधित ऑपरेटर का एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
कनिष्ठ अभियंता (JE) के लिए दंड:
यदि किसी माह में किसी फीडर पर लगातार दो दिनों तक प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई जाती है, तो संबंधित कनिष्ठ अभियंता (JE) का एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
उपमहाप्रबंधक (DGM) के लिए दंड:
यदि किसी माह में किसी फीडर पर लगातार पांच दिनों तक प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई जाती है, तो संबंधित उपमहाप्रबंधक (DGM) का एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
महाप्रबंधक (GM) के लिए दंड:
यदि किसी माह में किसी फीडर पर लगातार सात दिनों तक प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई जाती है, तो संबंधित महाप्रबंधक (GM) का एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
तकनीकी स्पष्टीकरण और कार्रवाई:
मीटर की तकनीकी विशेषता: 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर लगे मीटरों में समय इंटीग्रेशन अवधि 15 मिनट निर्धारित होती है। इसका अर्थ है कि 10 घंटे से 1 मिनट भी अधिक होने पर मीटर अतिरिक्त 1 मिनट की आपूर्ति को अगले 15 मिनट के टाइम ब्लॉक में गणना करता है।
अनुमेय अतिरिक्त समय: मीटर और सबस्टेशन घड़ी के समय के सिंक्रोनाइज न होने और इस तकनीकी विशिष्टता के कारण रिकॉर्ड होने वाली अतिरिक्त 15 मिनट की अवधि को संज्ञान में लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 10 घंटे से अधिक विद्युत प्रदाय की अनुमति नहीं होगी।
जांच और सत्यापन:तकनीकी विशिष्टता के अतिरिक्त अन्य कारणों से विद्युत प्रदाय उल्लंघन के मामलों में मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे. ग्वा.क्षे.) और महाप्रबंधक (संचा./संधा.) स्तर से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अनुशासनात्मक कार्रवाई:11 के.व्ही. कृषि फीडरों में 10 घंटे से अधिक विद्युत प्रदाय उल्लंघन के प्रत्येक कारण की जाँच और सत्यापन के पश्चात् ही अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
अन्य शर्तें: शेष शर्तें पूर्व परिपत्र के अनुसार यथावत जारी रहेंगी।
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किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली देने पर रोक: आदेश उल्लंघन पर अधिकारियों की कटेगी सैलरी, बिजली कंपनी का सख्त आदेश
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MP Farmer Electricity Supply: मध्यप्रदेश में अब कृषि फीडरों (Agriculture Feeders) पर 10 घंटे से अधिक बिजली सप्लाई देने वाले अधिकारियों की सैलरी कटेगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने इस संबंध में नया आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि राज्य शासन के निर्देशों के मुताबिक कृषि फीडरों को केवल 10 घंटे तक ही बिजली दी जा सकती है। अगर किसी फीडर पर लगातार इससे अधिक बिजली आपूर्ति की गई तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माना जाएगा।
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