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MP Farm gate app: खुशखबरी ! अब किसान खुद ही तय करेंगे फसलों के दाम, मंडी बोर्ड का बड़ा फैसला

MP Farm gate app: खुशखबरी ! अब किसान खुद ही तय करेंगे फसलों के दाम, मंडी बोर्ड का बड़ा फैसला

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Bansal News
MP Farm gate app: खुशखबरी ! अब किसान खुद ही तय करेंगे फसलों के दाम, मंडी बोर्ड का बड़ा फैसला

BHOPAL: मध्यप्रदेश में किसानों की फसलों को अच्छा दाम मिल सके इसके लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है इसी कड़ी में फसलों की खरीद-फरोख्त को डिजिटल बनाते हुए मंडी बोर्ड ने एक एप्लिकेशन लॉन्च की है जिसके जरिए किसान ना केवल घर बैठे-बैठे अपनी फसल बेच सकता है बल्कि दाम भी खुद तय कर सकता है।

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किसानों के लिए राहत भरी खबर

जब किसान अपनी फसल खुद उगाता है खेतों में दिन रात मेहनत करता है तो फिर आखिरकार किसान अपनी फसल के दाम खुद क्यों नहीं तय कर सकता। मंडी में आज भी किसान अपनी फसल के दाम तय नहीं करता है व्यापारी और बिचौलिए जो बोली लगा देते हैं उसी दाम पर किसान को फसल बेचना पड़ता है लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। मंडी बोर्ड ने एमपी फॉर्म गेट के नाम से एक एप्लीकेशन को लॉन्च किया है जिसके जरिए किसान घर बैठे बैठे अपनी फसल को न केवल बेच पाएगा बल्कि उसके दाम भी तय कर सकेगा। एप्लीकेशन के जरिए किसान सीधे व्यापारी को अपनी फसल बेचेगा। ट्रायल के तौर पर जबलपुर समेत प्रदेश की 8 मंडियों में इसकी शुरुआत कर दी है इसके लिए किसानों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है इस एप्लीकेशन के माध्यम से किसान अपनी फसल की किस्म, गुणवत्ता,दाम, बैंक खाते की जानकारी, जिस जिले में बेचना है जैसे सारी जानकारियां भर सकते हैं। जिसके बाद लायसेंसधारी व्यापारी किसानों से संपर्क कर फसल को खरीद लेंगे। मंडी अधिकारियों का कहना है कि इससे किसानों को अच्छा दाम तो मिलेगा ही साथ ही बिचौलियों से भी किसान बच सकेंगे।

किसानों ने जताई खुशी

वीओ- इधर किसान भी इस सुविधा से खुश नजर आ रहे हैं किसानों का कहना है कि निश्चित तौर पर मंडी आने पर उनका समय तो खराब होता ही है साथ ही वह अपनी फसल के दाम भी तय नहीं कर पाते हैं इस एप्लीकेशन के जरिए उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही वो फसल के दाम भी तय कर पाएंगे।

कुछ सवाल अभी भी

किसानों के लिए फसलों की खरीदी बिक्री को आसान बनाने के लिए सरकार इसके पहले भी कई योजनाएं ला चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी हर बार किसानों को सही दाम ना मिल पाने की शिकायत रहती है। अब ऐसे में इस एप्लीकेशन के जरिए किसानों को फायदा होने की उम्मीद है लेकिन सवाल यह है कि जो जागरूक किसान है वह तो उसका फायदा ले लेंगे लेकिन जो छोटे और सीमांत किसान होते हैं उनके लिए अभी भी मुश्किलें बनी हुई है।

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