MP Famous Fort: मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। क्योंकि यह देश का सबसे बड़ा राज्य है प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक इस राज्य में ऐसे कई किले के निर्माण हुए जो भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर प्रसिद्ध हैं।
आज इस आर्टिकल में हम आपको मध्य प्रदेश में मौजूद 5 प्राचीन किलों के बारे बतायेंगे।
तो आइए जानते हैं-
ग्वालियर का किला
ग्वालियर को मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर कहा जाता है। इस शहर की स्थापना राजा सूरजसेन द्वारा की गई थी। विंध्य बलुआ पत्थर पर गोपाचल नाम की चट्टानी पहाड़ी पर बना हुआ ग्वालियर का यह किला, स्मारकों, महलों और मंदिरों के लिए विश्वभर में पहचान रखता है। अकबर के काल में इस किले का उपयोग जेल के रूप में किया जाता था।
अहिल्या फोर्ट
मध्य भारत के महेश्वर नगर में बलुआ पत्थर से बना अहिल्या बाई का किला पवित्र नर्मदा नदी के ऊपर स्थित है। महारानी अहिल्याबाई होल्कर 1765 से 1796 तक यहां रही थीं।
वर्ष 2000 में प्रिंस रिचर्ड होलकर ने अहिल्या वाडा में अपने घर को एक अतिथि निवास में बदल दिया। जिसे आज दुनिया भर में अहिल्या फोर्ट होटल के रूप में जाना जाता है। यहाँ जाने के बाद बहुत ही सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है।
रायसेन किला
बारह सौ ईसवी में बना रायसेन का यह किला शहर की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। दो धर्मों की समानता को दर्शाने वाले इस किले के भीतर एक मंदिर और एक मस्जिद है।
बलुआ पत्थर से बना 800 साल पुराने इस किले में 9 प्रवेश द्वार और 13 टॉवर हैं। कहते हैं कि यहां के राजा राजसेन के पास पारस पत्थर था, जो लोहे को भी सोना बना सकता था। इस रहस्मई पत्थर के लिए कई युद्ध भी हुए थे, लेकिन जब राजा राजसेन हार गए तो उन्होंने पारस पत्थर को किले में स्थित एक तालाब में फेंक दिया।
ओरछा किला
ओरछा किला मध्य प्रदेश में झाँसी से 16 की किमी दूरी पर, बेतवा नदी के द्वीप पर स्थित है। इस किले का निर्माण वर्ष 1501 ई. में राजा रुद्र प्रताप सिंह ने करवाया था। इस किले का निर्माण इस तरह किया गया है कि देखने में यह काफी आकर्षक लगता है।
राजसी निवासों में बालकनियाँ, जालीदार खिड़कियां, देवतायों के भित्ति चित्र के साथ अन्य पेंटिंग और बड़े-बड़े मंडपों के साथ छत है। ओरछा फोर्ट टूरिस्टों की विजिट के लिए सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक ओपन रहता है।
अक्टूबर से मार्च का समय ओरछा फोर्ट घूमने जाने का बेस्ट टाइम होता है, क्योंकि इस दौरान ओरछा का मौसम सुखद होता है, जो टूरिस्टों को काफी अट्रैक्टिव लगता है।
असीरगढ़ किला
असीरगढ़ क़िला बुरहानपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर सतपुड़ा पहाड़ियों के शिखर पर समुद्र सतह से 250 फ़ुट की ऊँचाई पर स्थित है।
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित है इस फोर्ट का सम्बन्ध महाभारत काल से है। यह जगह खांडव जिले के पास है, जो उस समय भी खांडव क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता था। इस किले को जो वर्तमान स्वरूप है वह मुगल शासकों द्वारा दी गई है।
यह किला लगभग 60 एकड़ में फैला हुआ है। किले में 5 तालाब है। इन तालाबों की ख़ास बात यह है कि यह किसी मौसम में सूखता नहीं है।
इस किले को तीन भागों में बांटा गया है- ऊपरी हिस्सा असीरगढ़,
बीच का हिस्सा कामरगढ़ और
निचला हिस्सा मलयगढ़ कहलाता है।
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