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MP Fake Teacher
MP Fake Teacher FIR: मध्य प्रदेश में फर्जी और कूटरचित डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) की अंकसूचियों के सहारे सरकारी शिक्षक की नौकरी पाने वाले कई शासकीय सेवकों और इसमें शामिल एक संगठित आपराधिक गैंग के खिलाफ एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने कड़ा एक्शन लिया है। इस मामले में ग्वालियर के 8 नामजद शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है, जबकि 26 अन्य संदिग्धों की गहन जांच जारी है।
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कैसे हुआ फर्जी सरकारी शिक्षकों का खुलासा?
एसटीएफ मध्यप्रदेश को गोपनीय सूचना मिली थी कि राज्य के विभिन्न जिलों में कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी डी.एड. अंकसूचियों का इस्तेमाल करके सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल की गई है। पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना के निर्देश पर एसटीएफ विशेष पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में ग्वालियर एसटीएफ पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया और सहायक पुलिस महानिरीक्षक नवीन कुमार चौधरी के निर्देशन में एक 5 सदस्यीय विशेष टीम गठित की गई।
एसटीएफ की जांच में यह तथ्य आए सामने
उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में गठित इस टीम ने गोपनीय वेरिफिकेशन किया। वेरिफिकेशन में पाया गया कि प्रश्नगत डी.एड. अंकसूचियां या तो संबंधित कार्यालय से जारी ही नहीं की गई हैं, या फिर उसी क्रमांक से किसी अन्य व्यक्ति को जारी की गई थीं।
फर्जी अंकसूचियां बनाने में गैंग शामिल
जांच के दौरान, यह भी जानकारी सामने आई कि फर्जी अंकसूचियां बनाने में एक संगठित गैंग शामिल है, जिसने दस्तावेज सत्यापन की कूटरचित रिपोर्ट भी प्रस्तुत करवाई थी। जांच में पता चला है कि फर्जी डीएड अंकसूची से सरकारी नौकरी पाने वाले सरकारी शिक्षक वर्तमान में मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, इंदौर और अन्य जिलों में कार्यरत हैं।
8 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
गोपनीय सत्यापन के आधार पर 8 शिक्षकों के खिलाफ फर्जी अंकसूचियों का उपयोग कर सरकारी शिक्षक की नौकरी करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। भोपाल एसटीएफ थाना में आठों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित अंकसूचि बनाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
गैंग की जांच में जुटी ग्वालियर एसटीएफ
एसटीएफ अब इस आपराधिक षड्यंत्र में शामिल संगठित गैंग की सूक्ष्मता से विवेचना कर रही है। जांच में ग्वालियर एसटीएफ के निरीक्षक योगेश कुमार बरैया, प्रधान आरक्षक सचिन भदौरिया, आरक्षक शोभाराम, धर्मेन्द्र केन और प्रताप गुर्जर जुटे हैं। 26 संदिग्धों की पहचान कर उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
ये रहे वो ​फर्जी शिक्षक
- गंधर्व सिंह रावत पुत्र संतोष सिंह रावत
- साहब सिंह कुशवाह पुत्र खेमराज
- बृजेश रोरिया पुत्र भान सिंह रोरिया
- महेन्द्र सिंह रावत पुत्र लक्ष्मण सिंह रावत
- लोकेन्द्र सिंह पुत्र जगन्नाथ सिंह
- रूबी कुशवाह पुत्री शिव कुमार
- रविन्द्र सिंह राणा पुत्र उदयभान सिंह
- अर्जुन सिंह चौहान पुत्र बुलाखी सिंह चौहान
- अन्य जिलों में भी कार्यरत हैं आरोपी
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