Madhya Pradesh (MP) Government Officer Employees Fake Cast Certificate Case Update: मध्य प्रदेश में 25 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने केस दर्ज किया है। इनमें सरकारी डॉक्टर, इंजीनियर और शिक्षक समेत अन्य पदों पर नौकरी कर रहे थे। एसटीएफ की जांच के बाद यह संख्या 50 से अधिक हो सकती है।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जांच में सामने आया है कि ज्यादातर फर्जी प्रमाण पत्र ग्वालियर से जारी हुए थे, और इन्हें जारी करने वाले सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी भी इस घोटाले में शामिल थे। एसटीएफ इन कर्मचारियों के नाम भी केस में जोड़ेगी। यह घोटाला केवल ग्वालियर तक सीमित नहीं है, बल्कि इंदौर, शाजापुर, विदिशा, होशंगाबाद और बैतूल जैसे जिलों में भी इसके तार जुड़े हैं।
यहां से उजागर हुआ पूरा मामला
फर्जी कास्ट सर्टिफिकेट का मामला सबसे पहले ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल से सामने आया हैं, जहां तीन डॉक्टर फर्जी अनुसूचित जाति-जनजाति प्रमाण पत्र पर काम कर रहे थे। इनमें डॉ. दिनेश मांझी, डॉ. विनोद मांझी और सुमन उर्फ सीमा मांझी शामिल हैं। इसके अलावा, एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रजनीश कुमार का नाम भी इस सूची में है।
इन पर दर्ज की गई एफआईआर
एसटीएफ द्वारा जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया है, उनमें जवाहर सिंह, सीताराम, सरला देवी, राजेश कुमार, कुसुमा देवी, सुनीता रावत, नाहर सिंह, बाबूलाल रावत, महेश, मनीष गौतम और कई अन्य शामिल हैं। यह मामला गौरीशंकर राजपूत की शिकायत के बाद शुरू हुआ।
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