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MP Employees Gratuity Hike 2025: एमपी में इन स्थाई कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला, 10 लाख रुपए हुई ग्रेच्युटी राशि

Madhya Pradesh Permanent Employees Decision Gratuity; कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। वन विभाग ने इन कर्मचारियों की ग्रेच्युटी राशि को 3.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है

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Ashi sharma
MP Employees Gratuity Hike 2025

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MP Employees Gratuity Hike 2025: मध्य प्रदेश के स्थाई कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। वन विभाग ने इन कर्मचारियों की ग्रेच्युटी राशि को 3.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है। यह आदेश वन मुख्यालय द्वारा जारी किया गया है।

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14 साल के बाद लागू हुआ नया नियम

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे के अनुसार, अब तक ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति या मृत्यु होने पर उनके परिजनों को केवल 3.50 लाख रुपए ग्रेच्युटी मिलती थी। केंद्र सरकार ने 2010 में नया ग्रेच्युटी अधिनियम लागू किया था, जिसमें यह राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी गई थी। हालांकि, मध्य प्रदेश में 14 वर्षों तक यह नया नियम लागू नहीं किया गया था।

वन विभाग बना पहला विभाग

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के निरंतर प्रयासों के बाद वन विभाग प्रदेश का पहला विभाग बन गया है, जिसने नया ग्रेच्युटी अधिनियम लागू किया है। इस फैसले से विभाग के सभी स्थाई और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी लाभान्वित होंगे।

अन्य विभागों में भी जल्द लागू हो सकता है नया नियम

माना जा रहा है कि वन विभाग के इस निर्णय के बाद राज्य के अन्य विभागों में भी जल्द ही नए ग्रेच्युटी अधिनियम को लागू किया जा सकता है। यह कदम कर्मचारियों के हित में एक बड़ा बदलाव साबित होगा और उनकी वित्तीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा।

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MP Neemuch News: महिला सरपंच ने 500 रुपए के स्टाम्प पर ठेकेदार को सौंप दी सरपंची, प्रशासन करेगा कार्रवाई

MP Neemuch News

मध्य प्रदेश के नीमच जिले की ग्राम पंचायत दाता की सरपंच कैलाशीबाई कछावा ने एक अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने मात्र 500 रुपए के स्टाम्प पेपर पर ठेकेदार सुरेश गरासिया को ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी सौंपने का अनुबंध किया है। यह मामला अपने आप में बेहद अजीब और चौंकाने वाला माना जा रहा है।

इस अनुबंध में सरपंच कैलाशीबाई कछावा ने लिखा ‘मैं ग्राम पंचायत दाता की सरपंच हूं। मैं अपना कार्य करने में असमर्थ हूं। इस कारण अपने सारे दायित्व और कर्तव्य गांव के ही सुरेश गरासिया को सौंपते हुए अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनती हूं। अब पंचायत के सारे काम ये ही करेंगे। इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी। ये जहां पर भी कहेंगे, वहां पर मैं अपने साइन करूंगी।’ पढ़ें पूरी खबर

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