MP Elections 2023: 2023 की जंग में देवास जिले की बागली सीट दिलचस्प मुकाबले की गवाह बन रही है, जहां गुरु और शिष्य आमने-सामने हैं।
बीजेपी उम्मीदवार मुरली भंवरा का मुकाबला अपने शिष्य गोपाल भोसले से है। गुरु की विजय होगी या फिर शिष्य गुरु को राजनीति के मैदान में पटखनी देगा, देखना दिलचस्प होगा।
बागली बनेगा गुरु-शिष्य मुकाबले का गवाह
जी हां देवास जिले की बागली विधानसभा में इस बार दिलचस्प जंग देखने को मिल रही है, जहां गुरु का मुकाबला शिष्य से हो रहा है।
बीजेपी उम्मीदवार मुरली भंवरा राजनीति के मैदान में कूदने से पहले शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमा चुके हैं। भंवरा उज्जैन के डोंगला में सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य रहे हैं। भंवरा को बीजेपी प्रत्याशी बनाए जाने के बाद बागली में मुकाबला रोचक हो गया है।
‘गुरु का आशीर्वाद है तो जीत मिलेगी’
मुरली भंवरा ने कांग्रेस के गोपाल भोसले को 6ठी कक्षा में पढ़ाया है। उन्होंने बागली के सरस्वती शिशु मंदिर में भी पढ़ाया। इसी दौरान कांग्रेस उम्मीदवार को भी शिक्षा दी।
कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल भोसले का कहना है कि गुरु का आशीर्वाद है तो जीत मिलेगी। वहीं बीजेपी प्रत्याशी मुरली भंवरा का कहना है कि शिष्य प्रत्यक्ष मिलेगा तो आशीर्वाद तो मिलेगा।
बीजेपी अभेद किले को बचाने की कोशिश में
बागली बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस गढ़ को ढहाने के लिए कांग्रेस पूरी तैयारी कर रही है। वहीं बीजेपी पूरी मुस्तैदी से अपने अभेद किले को बचाने की कोशिश कर रही है।
गुरु-शिष्य के मुकाबले ने बागली की महाभारत को दिलचस्प जरूर बना दिया है। अब देखना है कि राजनीति के मैदान में गुरु शिष्य को राजनीति का पाठ पढ़ाने में सफल होगा या फिर शिक्षा देने वाले गुरु को शिष्य सियासी संग्राम में पटखनी देने में कामयाब होगा।
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