MP Election 2023: किसान परिवार में जन्मीं उमा भारती का बचपन मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में बीता है। उन्होने 20 साल की आयु में ही भाजपा की सदस्य ले ली थी और यहीं से राजनीति की शुरूआत की। उमा ने साल 1984 में पहली बार चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं मिली।
ऐसे आई राजनीति में
टीकमगढ़ में जन्मीं उमा भारती को सिंधिया परिवार की राजमाता स्वर्गीय विजय राजे सिंधिया ने राजनीति में आने की सलाह दी और राजनीति के गुण सिखाए। साथ ही भाजपा से निष्कासन होने के बाद उन्होने ‘भारतीय जनशक्ति पार्टी’ नाम की एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया था।
बचपन से है आध्यात्म का लगाव
उमा ने छठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है, लेकिन उन्हें बचपन से ही धर्मग्रंथो का शौक था। जिसके चलते उन्होंने बचपन से धर्मग्रंथो को पढ़ना शुरू कर दिया था। उमा ने अपना जीवन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगाने का शंकल्प लिया है। साथ ही वह तीन किताबें भी लिख चुकी हैं।
शराबबंदी के लिए रहीं मंदिर में
उमा ने शराबबंदी को लेकर राजधानी भोपाल के एक मंदिर में 31 जनवरी 2023 तक डेरा डाल लिया था और प्रदेश सरकार से शराब की की नई नीति में बदराव की मांग की। इससे पहले उन्होने कई शराब की दुकानों में पत्थर फेंकर विरोध जताया था।
विवादों से रहा पुराना नाता
उमा भारती ने 1980 और 1990 में विवादास्पद राम जन्मभूमि आंदोलन का समर्थन किया। साथ ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के आरोपियों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
30 सितंबर 2020 को विशेष सीबीआई अदालत ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर सुनवाई की और सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। जिनमें उमा भारती का भी नाम शामिल था।
हुबली दंगा मामले में गिरफ्तारी का वारंट जारी होने बाद उमा भारती को अगस्त 2004 में मध्य प्रदेश के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
उमा भारती ने सेतुसमुद्रम नौवहन नहर परियोजना को लेकर विरोध जताया और 25 जुलाई 2007 को एक सप्ताह का अनशन किया था।
एमपी की पहली सीएम हैं उमा
उमा भारती ने साल 2003 में मध्य प्रदेश के सीएम के पद की शपथ ली और प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। उमा ने सीएम बनने के बाद तिरुपति मंदिर में दर्शन किए और अपना सर मुंडवाया था। उन्होने चुनाव से पहले सिर मुंडवाने की शपथ ली थी।
उमा का राजनीतिक करियर
– उमा भारती ने साल 1984 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं मिली।
– उन्होने 1989 में पहली बार खजुराहो से लोकसभा का चुनाव जीता, जिसके बाद वह 1991, 1996 व 1998 में लगातार चार बार एक ही सीट से सांसद निर्वाचित हुई।
– साल 1999 में उन्होने राजधानी भोपाल से लोकसभा का चुनाव जीता और केंद्रीय मंत्री बनी।
– साल 2003 में बीजेपी ने उमा भारती के नेतृत्व में 75% बहुमत के साथ विधानसभा चुनाव जीता, जिसके बाद उमा को प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी।
– भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से विवाद होने के बाद साल 2004 में उमा भारती को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
– बीजेपी से निष्कासित होने के बाद साल 2006 में उमा ने ‘भारतीय जनशक्ति पार्टी’ के नाम से एक पार्टी का गठन किया था।
– साल 2012 में उन्होंने यूपी के महोबा जिले की चरखारी विधानसभा से चुनाव जीता था। साथ ही 2014 में झांसी लोकसभा सीट से चुनाव जीता और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री बनी।
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