भोपाल। MP Election 2023: विधानसभा चुनाव 2023 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे जुबानी जंग और ट्वीट वॉर तेज हो गई हैं। सत्ताधारी पार्टी की गुटबाजी धीरे-धीरे सामने आने लगी है। खबरें आ रही हैं कि सागर में बीजेपी (BJP)के दिग्गज नेताओं में मतभेद है। इसे लेकर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा के ट्वीट गुटबाजी के सागर में डूब रहा BJP का जहाज…! के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मोर्चा संभाल लिया है।
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क्या है केके का ट्वीट
आपको बता दें विधानसभा चुनाव (MP Election 2023) के पहले केके मिश्रा ने ट्वीट किया कि सागर में डूब रहा BJP का जहाज..राजनैतिक महाभारत में सर्वश्री गोपाल भार्गव,गोविंद राजपूत,शैलेंद्र जैन,प्रदीप लारिया,जिलाध्यक्ष गौरव सिरौठिया मंत्री भूपेंद्रसिंह जी के खिलाफ लामबंद हुए हैं…भूपेंद्र जी के साथ हैं, स्थानीय सांसद राजबहादुर जी…! तलवारें खींच गई है… !! युद्ध की रणभेरी का आगाज है…!!!
*सागर में डूब रहा BJP का जहाज*..
राजनैतिक महाभारत में सर्वश्री गोपाल भार्गव,गोविंद राजपूत,शैलेंद्र जैन,प्रदीप लारिया,जिलाध्यक्ष गौरव सिरौठिया मंत्री भूपेंद्रसिंह जी के खिलाफ हुए लामबंद,
भूपेंद्र जी के साथ हैं, स्थानीय सांसद राजबहादुर जीतलवारें खींची.
युद्ध की रणभेरी का आगाज़…— KK Mishra (@KKMishraINC) May 24, 2023
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क्या है नरोत्तम मिश्रा का ट्वीट
केके मिश्रा पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए उन्होंने केके मिश्रा से पूछा (MP Election 2023) कि बंटाधार बोलते ही किसकी छवि ध्यान में आती है.. दिग्विजय सिंह मतलब बंटाधार … केके मिश्रा से क्या कमलनाथ ने ट्वीट कराया है…. आदिवासियों से कुठाराघात करने के लिए कांग्रेस को माफी मांगना चाहिए…उसके बाद चुनाव प्रचार करें.. उन्होंने कांग्रेस पर कार्यकर्ताओं को भ्रम में रखने की बात भी कही…करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है।
बीजेपी के सामने चुनौती
भले ही बीजेपी का पलड़ा अभी तक भारी रहा हो लेकिन इस साल के विधानसभा चुनाव (MP Election 2023) में उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी की गुटबाजी ही है। पार्टी में बड़े पैमाने पर कार्यकर्ताओं में असंतोष की ख़बरें लगातार सामने आ रही हैं। तो उसके दूसरी ओर कई वरिष्ठ नेता भी खुद को उपेक्षित महसूस कर पार्टी के खिलाफ लगातार बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं। पार्टी के सामने सिंधिया के साथ आए विधायकों को लेकर अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराज़गी को संतुलित करने की भी बड़ी चुनौती है। ऐसे में भाजपा के लिए चुनावी सागर को पार करना बहुत मुश्किल माना जाने लगा है।
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