हाइलाइट्स
- एमपी सरकार का इकोनॉमिक सर्वे जारी
- राज्य में प्रति व्यक्ति आय 9 प्रतिशत बढ़ी
- प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं की 40% नौकरियां घटीं
MP Economic Survey 2024-25: मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने विधानसभा में बजट पेश करने से पहले साल 2024-25 का आर्थिक सर्वेक्षण (इकोनॉमिक सर्वे) जारी किया है। इसके अनुसार प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 1.39 लाख से बढ़कर 1.52 लाख हो गई है यानी राज्य के जीडीपी (GDP) में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जानकार बताते है राज्य की जीडीपी बढ़ने से सरकार अब उधार ले सकेगी। यहां बता दें, सरकार पर अभी 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
रोजगार की बात करें तो प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं की 40 प्रतिशत नौकरियां कम हुई हैं। सरकार निवेश को आकर्षित करने का दावा कर रही है। आंकड़े बताते हैं पांच साल में 46 हजार करोड़ का निवेश आया है। इससे 1 लाख 65 हजार लोगों को रोजगार मिला है। मौजूदा बजट में 1 लाख 13 हजार नौकरियों का ऐलान हो सकता है।
एमपी में पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ोतरी से सरकार की आय में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ दूध, अंडा और मांस का प्रोडक्शन बढ़ा है, मगर दूध से ज्यादा अंडे और मांस का सेवन करने वालों की संख्या बढ़ी है।
प्रदेश की DGP में 11.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी
मध्य प्रदेश की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) प्रचलित भावों पर पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 11.05 प्रतिशत बढ़ गई है। सरकार का अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश की GDP 15 लाख 3 हजार 395 करोड़ रुपए रहेगी। पिछले साल (2023-24) में यह GDP 13 लाख 53 हजार 809 थी।
बता दें कि कोरोनाकाल में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय प्रचलित भावों के आधार पर वर्ष 2020-21 में 10 लाख 1 हजार 958 रुपए रह गई थी यानी काफी कम हो गई थी।
एमपी में Per capita Income 1.52 लाख रुपए हुई
प्रदेश में प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय 2024-25 में 1 लाख 52 हजार 615 रुपए हो गई है। जबकि वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 39 हजार 713 रुपए थी। यानी एक साल में प्रति व्यक्ति आय 12 हजार 902 रुपए बढ़ गई है। सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि स्थिर भावों पर राज्य में प्रति व्यक्ति आय पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ी है।
वर्ष 2023-24 में ये 67 हजार 301 थी जो बढ़कर 70 हजार 434 हो गई है। यानी ये 3 हजार 133 रुपए प्रति व्यक्ति बढ़ी है। भाव से आशय राज्य में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की कीमत से है। जो दो प्रकार की होती है एक फिक्स (स्थिर) दूसरी करंट (प्रचलित)। जिस भाव में बदलाव आता रहता है, उसे करंट भाव कहा जाता है।
प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं को रोजगार में 40% कमी हुई
मध्य प्रदेश में पिछले 4 साल में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की संख्या में कमी आई है। एससी-एसटी वर्ग और महिलाओं को 2021 में 36 हजार 324 नौकरियां मिली थीं। वहीं 2024 में ये आंकड़ा घटकर 21 हजार 054 पहुंच गया है। प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं की नौकरियों की बात की जाए तो 2021 में 10 हजार 963 महिलाओं को जॉब मिला था, जो 2024 में घटकर 6 हजार 564 रह गया है। वहीं पिछले साल के मुकाबले प्राइवेट सेक्टर में 3192 कम नौकरियां मिली हैं।
2400 औद्योगिक यूनिट्स से 1.65 लाख रोजगार
एमपी सरकार निवेश को आकर्षित करने में कुछ हद तक कामयाब रही है। औद्योगिक इकाईयों की संख्या में पांच साल में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2020 में मप्र में 384 औद्योगिक यूनिट स्थापित हुई थीं। वहीं 2024-25 में इनकी संख्या बढ़कर 554 हो गई।
पिछले 5 साल में कुल 2429 औद्योगिक यूनिट स्थापित हुई हैं। जिससे 46 हजार 421 करोड़ का निवेश हासिल हुआ है। इनसे 1 लाख 65 हजार 436 लोगों को रोजगार मिला है।
स्कूल छोड़ने वाली बच्चियों की संख्या घटी
सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले दो साल के मुकाबले इस बार स्कूल छोड़ने वाले छात्र और छात्राओं की संख्या में कमी आई है। 2021 में पहली से आठवीं तक 11.87 लाख छात्र और 11.92 लाख छात्राओं ने स्कूल छोड़ दिया था। 2022 में छात्रों की संख्या में कमी आई लेकिन छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हो गई।
2022 में पहली से आठवीं तक 11.72 लाख छात्रों ने तो 14.11 लाख छात्राओं ने स्कूल छोड़ दिया था। साल 2024 में 10.05 लाख छात्रों ने और 8.97 लाख छात्राओं ने स्कूल छोड़ा है। ये पिछले साल के मुकाबले 26% कम है।
प्रदेश के हर व्यक्ति को मिल रहा 652 ग्राम दूध
मध्य प्रदेश में दूध से ज्यादा अंडा-मांस का उत्पादन हो रहा है। जबकि राज्य सरकार दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के मुकाबले दूध के उत्पादन में 5.98 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मगर, अंडे और मांस का उत्पादन दूध से ज्यादा हुआ है।
मांस का उत्पादन 9.57 फीसदी और और अंडे का उत्पादन 9.65 फीसदी हुआ है। अंडे खाने वालों की संख्या भी पिछले साल के मुकाबले 7.5 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 652 ग्राम है।
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कन्या विवाह योजना का बजट कम हुआ
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सरकार 55 हजार रुपए (प्रति महिला) को देती है। इसमें से 49 हजार रुपए वधू के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। जबकि 6 हजार रुपए सामूहिक विवाह के आयोजन के लिए निकाय को उपलब्ध कराए जाते हैं। सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक शिवराज सरकार के कार्यकाल( 2022-23) में 18 हजार109 महिलाओं को 1037 करोड़ से ज्यादा की राशि आवंटित की गई थी।
मोहन सरकार के पहले कार्यकाल (2023-24) में यह संख्या बढ़कर 59 हजार 445 हो गई। इस साल लोकसभा चुनाव हुए थे। इस अवधि में सरकार ने 33 हजार 418 करोड़ योजना पर खर्च किए थे। लेकिन 2024-25 में हितग्राहियों की संख्या घटकर 13 हजार 490 रह गई। सरकार ने योजना के लिए आवंटन राशि भी घटा दी थी। इस अवधि में मात्र 769 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
पयर्टन से सरकार की कमाई 17 प्रतशित बढ़ी
मध्य प्रदेश में पर्यटन बढ़ा है। पिछले तीन साल के सरकारी आंकड़े देखें तो सरकार की कमाई में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस दौरान पर्यटकों की संख्या में 89.21 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसमें होटल, मोटल, लाइट एंड साउंड शो, जंगल कैंप और वाटर स्पोर्टस आदि से होने वाली कमाई भी शामिल है। वर्ष 2022 से 2024 के बीच पर्यटन गतिविधियों से राजस्व में औसत वार्षिक वृद्धि बढ़ी है।
प्रदेश के नौ धार्मिक स्थलों पर 2024 13.33 करोड़ लोग पहुंचे। उज्जैन में पर्यटकों की संख्या में 1.3 गुना बढ़ गई है। वर्ष 2023 में उज्जैन महाकाल के दर्शन करने के लिए 5.28 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे। 2024 में यह संख्या बढ़कर 7.32 करोड़ हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में आने वाले कुल पर्यटकों की संख्या का 55 फीसदी उज्जैन आने वालों की है। दूसरे नंबर पर 10 फीसदी मैहर और 9 फीसदी के साथ चित्रकूट तीसरे नंबर पर है।
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