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MP E-Attendance: मध्यप्रदेश के सरकारी टीचर्स ई-अटेंडेंस लगाने में परेशान, सरकार ने कोर्ट में पेश किए चौंकाने वाले आंकड़े

MP E-Attendance Teachers: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता पर सुनवाई हुई। शिक्षकों ने समस्याएं बताईं और सरकार ने आंकड़े पेश किए।

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Rahul Garhwal
MP e Attendance Teachers Problem High Court Hearing government answer hindi news

हाइलाइट्स

  • टीचर्स ई-अटेंडेंस को लेकर परेशान
  • हाईकोर्ट में सुनवाई
  • हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
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MP E-Attendance: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्यता के मामले में गुरूवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दरअसल, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ शिक्षकों ने इसमें आने वाली समस्याओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं और सरकार को रिकॉर्ड सहित जवाब पेश करने कहा था। याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से दलील दी गई कि ई-अटेंडेंस दर्ज कराने में कई बार नेटवर्क सहित अन्य समस्याएं आती हैं।

सरकार ने कहा- नेटवर्क की समस्या नहीं

शासन की ओर से तर्क दिया गया कि नेटवर्क की समस्या नहीं है क्योंकि उसी स्कूल में अधिकतर शिक्षक अटेंडेंस लगा रहे हैं। जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने दोनों के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले पर अगली सुनवाई 7 नवंबर को नियत की है।

शिक्षकों ने बताई समस्याएं

जबलपुर निवासी मुकेश सिंह वरकड़े सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 27 शिक्षकों ने याचिका दायर कर ई-अटेंडेंस को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के लिए बने 'हमारे शिक्षक एप' के जरिए से उपस्थित दर्ज कराने में बहुत-सी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। कई शिक्षकों के पास अच्छा स्मार्टफोन नहीं है। प्रतिमाह डाटा पैक खरीदना, प्रतिदिन मोबाइल की बैटरी चार्ज रखना, स्कूल में नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं होने की भी समस्याएं हैं। एप को सर्वर की समस्या व चेहरा मिलान की भी समस्याएं हैं। मांग की गई कि या तो बायोमेट्रिक मशीन से या पूर्व की भांति कर्मचारी रजिस्टर में उपस्थित दर्ज कराई जाए।

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73 प्रतिशत शिक्षक लगा रहे अटेंडेंस

शासन की ओर से बताया गया कि प्रदेश में 73 प्रतिशत शिक्षक एप के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। कोर्ट ने इस संबंध में दस्तावेजों सहित रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश सरकार को दिए थे। कोर्ट ने सरकार को उन स्कूलों के आंकड़े भी पेश करने कहा था जहां याचिकाकर्ता वर्तमान में तैनात हैं और उन स्कूलों के अन्य कर्मचारियों द्वारा ई-उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है।

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