इंदौर।MP Divyang Engineer Motivational Story कहते है जहां पर सपने सोने नहीं देते तो हर वक्त पूरा करने के लिए जगाए रहते है हमारी कमी को नजरअंदाज कर हम अपने हौंसले और जज्बों से पूरा कर ही लेते है ऐसी ही एक कहानी मध्यप्रदेश के यश सोनकिया (Yash Sonakia) सामने आई है जिन्होंने अपने दिव्यांग होने के बावजूद सपने को सच कर दिखाया है जिनकी कोडिंग स्पीड देख उन्हें प्रसिद्ध मल्टीनेशनल कंपनी माइक्रोसॉफ्ट लीडरशिप ने 50 लाख का पैकेज ऑफर किया है।
आइए जानते है पूरी कहानी
आपको बताते चलें कि, मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले पहले दिव्यांग इंजीनियरिंग छात्र यश सोनकिया ने कीर्तिमान रचा है जहां पर वे SGSITS इंदौर (SGSITS Indore) के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग डिपार्ट्मेन्ट के छात्र हैं जो 8 साल की उम्र में ही ग्लूकोमा बीमारी से ग्रसित हो गए थे जिनके बाद उनके पिता ने बेटे का इलाज करने के लिए कई कोेशिशे की तो वहीं पर उनके 8 ऑपरेशन भी हो चुके हैं। जहां पर यश ने अपनी कमी को अभिशाप ना समझते हुए जज्बे को बरकरार रखा।
कोडिंग के उस्ताद बने यश
आपको बताते चलें कि, कोडिंग उस्ताद यश की कहानी हौंसलों से भरी रही जहां पर उन्होंने मध्यप्रदेश बोर्ड से उन्हें 10वीं की परीक्षा पास की और गणित और विज्ञान विषय का चयन किया। उनके इस सफर में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनके लायक किताबें बाजारों में उपलब्ध नहीं होती थी जिसके बाद बड़ी मुशिकल से उन्हें किताबें भी मिली। चार इंटरव्यू के बाद यश का चयन किया गया। माइक्रोसॉफ्ट ने उनके प्लेसमेंट पर मुहर लगा दी है और उन्होनें सालाना 50 लाख का पैकेज भी ऑफर किया है। आपको बताते चलें कि, यश की कोडिंग देख सब चौंक जाएंगे क्योंकि वे इतनी तेजी से कोडिंग करते है कि, हर कोई समझ नहीं पाता। यश स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर की सहायता से कीबोर्ड के जरिए कंप्यूटर को ऑपरेट करते हैं। वो आम लोगों की तरह ही आसानी से स्टीक कोडिंग करने में सक्षम है, जिसे देखकर माइक्रोसॉफ्ट भी हो गया।