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धार में बनेगा डायनासोर नेशनल पार्क: सरदारपुर वन्यजीव अभ्यारण्य का भी होगा निर्माण, संभागायुक्त दीपक सिंह ने दी जानकारी

MP Dinosaur National Park: मध्य प्रदेश के धार जिले में डायनासोर नेशनल पार्क बनने जा रहा है। यहां डायनासोर के 256 अंडे और कई जीवाश्म मिले हैं। इससे पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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Shashank Kumar
MP Dinosaur National Park

MP Dinosaur National Park

MP Dinosaur National Park: मध्य प्रदेश के धार जिले में जल्द ही डायनासोर नेशनल पार्क (Dinosaur National Park) का निर्माण किया जाएगा। यह पार्क उन क्षेत्रों में विकसित किया जाएगा, जहां वैज्ञानिकों को डायनासोर के जीवाश्म और अंडों के अवशेष मिले हैं। इसके अलावा, धार जिले में स्थित सरदारपुर वन्यजीव अभ्यारण्य (Sardarpur Wildlife Sanctuary) को भी विकसित करने की योजना बनाई गई है।

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संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। इस पार्क के बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किए जाएंगे।

धार जिले में बनेगा डायनासोर नेशनल पार्क

[caption id="attachment_778236" align="alignnone" width="1072"]MP Dinosaur National Park इंदौर संभागायुक्त की बैठक[/caption]

संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि धार जिले के बाग तहसील में डायनासोर नेशनल पार्क विकसित किया जाएगा। इस पार्क के आसपास बोरकुरी, रिसावाला, बयादीपुरा (पाडलिया) और गंगकुई (जामनियापुरा) गांव स्थित हैं। यह क्षेत्र इको-सेंसिटिव ज़ोन के तहत आता है और वन्यजीव संरक्षण व पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।

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पार्क की प्रमुख लोकेशन:

  • मेघनगर रेलवे स्टेशन से 95 किमी
  • इंदौर रेलवे स्टेशन से 152 किमी
  • भोपाल रेलवे स्टेशन से 350 किमी

इस नेशनल पार्क के आसपास ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी मौजूद हैं, जिनमें बड़केश्वर महादेव मंदिर, हनुमान मंदिर, बाग गुफाएं और किले प्रमुख हैं। इन स्थलों के चलते पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना है।

पार्क में प्राकृतिक संपदा और वन्यजीवों का संरक्षण

डायनासोर पार्क में विभिन्न आयुर्वेदिक और औषधीय पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें शीशम, नीम, आंवला जैसे हजारों प्रजातियां शामिल होंगी। इसके अलावा, इस क्षेत्र में सियार, लोमड़ी, लंगूर और कई अन्य वन्यजीव भी पाए जाएंगे।

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पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष पहल:

  • पार्क निर्माण में प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने पर ध्यान दिया जाएगा।
  • वन्यजीवों और जैव-विविधता को संरक्षित करने के लिए उपाय किए जाएंगे।
  • पार्क के पास ऐसी गतिविधियां विकसित की जाएंगी, जो प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाए बिना पर्यटन को बढ़ावा देंगी।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

वर्तमान में धार जिले के इन इलाकों में सालाना 15,000 से अधिक पर्यटक आते हैं। लेकिन डायनासोर नेशनल पार्क बनने के बाद यह संख्या कई गुना बढ़ने की संभावना है।

पर्यटन में संभावित वृद्धि:

  • अक्टूबर से दिसंबर तक का समय यहां घूमने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
  • वीकेंड और छुट्टियों में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा हो सकता है।
  • स्थानीय आदिवासी समुदायों के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति, त्योहारों और पारंपरिक आजीविका को संरक्षित रखते हुए विकास कार्य किए जाएंगे।

सरदारपुर वन्यजीव अभ्यारण्य को भी किया जाएगा विकसित

डायनासोर पार्क के अलावा, प्रशासन ने सरदारपुर वन्यजीव अभ्यारण्य के विस्तार की भी योजना बनाई है। यह क्षेत्र भी इको-सेंसिटिव ज़ोन के तहत आता है और विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।

अभ्यारण्य में पाए जाने वाले वन्यजीव:

  • लोमड़ी, सियार, बंदर, लंगूर
  • दुर्लभ पक्षी प्रजातियां, विशेष रूप से खरमोर पक्षी
  • टीक, बबूल, पलाश और अंजन जैसे पेड़-पौधों की विविधता

इस अभ्यारण्य को मालवा और निमाड़ क्षेत्र के वन्यजीव प्रेमियों और जूलॉजी के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

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धार जिले में मिले डायनासोर के 256 अंडे, वैज्ञानिकों ने की पुष्टि

धार जिले के पारलिया और कुक्षी तहसील के इलाके लंबे समय से डायनासोर के अंडों के जीवाश्मों के लिए जाने जाते हैं। अब तक 256 डायनासोर अंडे खोजे जा चुके हैं, जिनका आकार 15 से 17 सेंटीमीटर के बीच है।

वैज्ञानिक अनुसंधान की पुष्टि:

  • जीवाश्म विज्ञानियों ने इन क्षेत्रों की डायनासोर युग से संबंधितता की पुष्टि की है।
  • अब तक सरकार द्वारा इन्हें संरक्षित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था, लेकिन डायनासोर पार्क बनने से इन्हें सहेजने और प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।

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