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हाइलाइट्स
- MP सरकार भत्ते और छात्र योजनाओं में लाएगी डिजिटल करेंसी
- डिजिटल करेंसी से पारदर्शिता और सरकारी खर्च की मॉनिटरिंग
- एक्सपायरी फीचर से बची राशि स्वतः ट्रेजरी में लौटेगी
MP Digital Currency: मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने सुपर क्लास वन, क्लास वन और क्लास टू के अधिकारियों के लिए एक नई पहल की शुरूआत की है। इस पहल के तहत के अधिकारी पेट्रोल और फोन भत्ते (Digital Allowance) जैसे खर्चों का सीधा भुगतान डिजिटल करेंसी (Digital Currency) के जरिए मोबाइल वॉलेट से अदा कर पाएंगे।
इस डिजिटल करेंसी की वैधता केवल एक महीने की होगी। अगर अधिकारी दी गई अवधि में राशि को खर्च नहीं कर पाता है तो वह राशि खुद ही अपने आप सरकार की ट्रेजरी में वापस चली जाएगी। इसे प्रोग्रामेबल डिजिटल करेंसी कहा जा रहा है, जिसका उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्य, जैसे पेट्रोल या फोन भत्ते, के लिए ही किया जा सकेगा।
डिजिटल करेंसी का ट्रायल और विस्तार
अक्टूबर के पहले हफ्ते में सरकारी ट्रेजरी के अधिकारियों पर डिजिटल करेंसी का सफल ट्रायल हो चुका है। इसे जल्द ही सभी विभागों के अधिकारियों पर लागू किया जाएगा। इस प्रणाली का लाभ सिर्फ अधिकारियों तक ही सीमित नहीं रहेगा। सरकार की अन्य योजनाओं जैसे स्कूटी, लैपटॉप, साइकिल और स्कूल ड्रेस की राशि भी डिजिटल करेंसी के माध्यम से छात्रों के मोबाइल वॉलेट में भेजी जाएगी।
मोबाइल वॉलेट और एप आधारित भुगतान
डिजिटल करेंसी का उपयोग स्मार्टफोन और मोबाइल एप के जरिए किया जाएगा। अधिकारी के सर्विस कोर्ड, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड को लिंक किया जाएगा। इसके बाद डिजिटल करेंसी एप डाउनलोड कर वॉलेट में राशि जमा होगी। वॉलेट खोलने के लिए एक पिन जारी किया जाएगा।
हर अधिकारी को हर महीने निर्धारित भत्ते की राशि मोबाइल वॉलेट में भेजी जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी अधिकारी को पेट्रोल भत्ता 700 से 1000 रुपए मिलता है, तो यह राशि एक साथ डिजिटल करेंसी के रूप में भेजी जाएगी। पेट्रोल पंप पर भुगतान होने के बाद ही ट्रेजरी के एमआईएस पोर्टल में खर्च दिखेगा। यदि कोई राशि बचती है, तो वह स्वतः ट्रेजरी में लौट जाएगी।
छात्रों और अन्य योजनाओं में डिजिटल भुगतान
स्कूटी, लैपटॉप और साइकिल जैसी योजनाओं के लिए हितग्राहियों को भी आधार और स्मार्टफोन से वॉलेट लिंक करना आवश्यक होगा। डिजिटल करेंसी केवल प्रोग्राम किए गए उद्देश्य के लिए ही खर्च की जा सकेगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और फिजिकल बिल या कूपन की जरूरत समाप्त हो जाएगी।
बैंक और तकनीकी सेटअप
डिजिटल करेंसी के लिए 15 बैंकों को इंपैनल किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के माध्यम से डिजिटल करेंसी एप को लागू किया है। प्रत्येक डिजिटल करेंसी का यूनिक कोड, मर्चेंट कैटेगरी, वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और लोकेशन रहेगा।
एक्सपायरी फीचर से जवाबदेही
डिजिटल करेंसी में एक्सपायरी फीचर मौजूद है। इसका मतलब है कि राशि केवल एक महीने तक ही वैध होगी। यदि खर्च नहीं होती है, तो राशि स्वतः ट्रेजरी में वापस चली जाएगी। इस फीचर से सरकारी खर्चों में जवाबदेही और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगी।
पारदर्शिता और ऑडिट में आसान
त्रेजरी कमिश्नर भास्कर लक्ष्कर ने बताया कि अक्टूबर में डिजिटल करेंसी प्रोजेक्ट का ट्रायल सफल रहा। इससे सरकारी पैसे की बचत होगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और डिजिटल डेटा के जरिए ऑडिट आसान होगा।
एक नजर में
मध्य प्रदेश सरकार का यह डिजिटल करेंसी (MP Digital Currency) प्रोजेक्ट सरकारी भत्तों और छात्र योजनाओं के भुगतान को तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगा। इससे सरकारी खर्चों की मॉनिटरिंग और ऑडिटिंग भी सरल हो जाएगी।
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