Advertisment

Cough Syrup Case: मेडिसिन जांचने बनेंगे मॉनिटरिंग यूनिट्स, देंगे हैंडहेल्ड टेस्टिंग डिवाइस, लीगल सेल ले सकेंगी एक्शन

Madhya Pradesh Drug Monitoring Units Plan Update: दवाईयों की खरीदी-बिक्री को लेकर मध्यप्रदेश में मेडिसिन की जांच करने के लिए हर जिले में लोकल ड्रग मॉनिटरिग यूनिट्स बनाए जाएंगे।

author-image
sanjay warude
Cough Syrup Case

Cough Syrup Case

हाइलाइट्स

  • जिला अस्पताल-दवा स्टोर डिपो में बनेंगे क्वालिटी कंट्रोल डेस्क
  • हैंडहेल्ड टेस्टिंग डिवाइस से ड्रग इंस्पेक्टर्स मौके पर करेंगे जांच
  • नई स्कीम का मसौदा जल्द मध्यप्रदेश में लागू किया जाएगा
Advertisment

Madhya Pradesh Drug Monitoring Units Plan Update: दवाईयों की खरीदी-बिक्री को लेकर मध्यप्रदेश सरकार और अधिक सख्ती की तैयारी में जुट गई है। अब मेडिसिन की जांच करने के लि हर जिले में लोकल ड्रग मॉनिटरिग यूनिट्स बनाए जाएंगे। नकली और घटिया दवाओं पर लगाम लगाने के लिए एनफोसमेंट व लीगल सेल एक्शन ले सकेंगी।

जहीरले कफ सिरप से मासूम बच्चों की मौतों के बाद डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दवाओं की जांच अब केवल भोपाल, इंदौर या जबलपुर की केंद्रीय प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रखे। सरकार प्रत्येक जिले में स्थानीय दवा मॉनिटरिंग इकाइयां (Local Drug Monitoring Units) स्थापित करेगी।

हर बैच और सैंपल की जवाबदेही तय होगी

डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि अब दवा वितरण में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर बैच और हर सैंपल की जवाबदेही तय होगी। अब प्रत्येक दवा (गोली या सिरप) की गुणवत्ता की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बाजार या अस्पतालों तक कोई भी दवा बिना जांच के नहीं पहुंचेगी। नई योजना का मसौदा जल्द लागू किया जाएगा।

Advertisment

घटिया दवा मिलने पर रद्द होंगे लाइसेंस

नकली या घटिया दवा बनाने और बेचने वालों पर तत्काल कार्रवाई के उद्देश्य से सरकार एक विशेष प्रवर्तन और कानूनी प्रकोष्ठ (Enforcement and Legal Cell) का गठन कर रही है। यह इकाई फील्ड रिपोर्ट के आधार पर तुरंत दवा जब्त करने या लाइसेंस रद्द करने जैसी कार्रवाई करेगी।

बिकने से पहले ऐसे रोकेंगे अमानक मेडिसिन

क्वालिटी कंट्रोल डेस्क:जिला अस्पतालों और दवा स्टोर डिपो में क्वालिटी कंट्रोल डेस्क बनाए जाएंगे, ताकि किसी भी संदिग्ध दवा को तुरंत पहचाना जा सके और नमूने की मौके पर जांच कर रिपोर्ट सीधे राज्य मुख्यालय को भेजी जा सके।

हैंडहेल्ड टेस्टिंग डिवाइस:ड्रग इंस्पेक्टर्स को हैंडहेल्ड टेस्टिंग डिवाइस दिए जाएंगे, जिससे वे सिरप या टैबलेट की गुणवत्ता की जांच के लिए लैब की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना, मौके पर ही कर सकें। यह डिवाइस तुरंत मिलावट या रासायनिक असामान्यता को पकड़ लेगा।

Advertisment

नई भर्तियां और प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण: राज्य में डेटा एंट्री ऑपरेटर, सैंपलिंग असिस्टेंट, लैब असिस्टेंट और केमिस्ट के नए पद सृजित किए जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर की प्रयोगशालाओं को HPLC, GCMSM, LCMS, UV और माइक्रोबायोलॉजी टेस्टिंग यूनिट्स जैसी हाई-टेक मशीनों से लैस किया जाएगा, जिससे नमूनों की वैज्ञानिक और सूक्ष्म स्तर पर जाच हो सके।

प्रशिक्षण और डिजिटलीकरण:प्रवर्तन सेल में काम करने वाले फील्ड और लैब अधिकारियों-कर्मचारियों को ई-लर्निंग और ऑन-ग्राउंड प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे जांच प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और डिजिटल बनेगी।

हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
Advertisment

Chennai ED Raids: कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी के ठिकानों पर ED का छापा, 7 ठिकानों पर कार्रवाई जारी

Chennai-ED-Raid-Coldrif-syrup

Chennai ED Raids: चेन्नई में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने सोमवार को तमिलनाडु की स्रेसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन के घर और उनसे जुड़े सात ठिकानों पर छापेमारी की। यह वही कंपनी है जिसने कोल्ड्रिफ खांसी की दवा बनाई थी, जिसे मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई बच्चों की मौत से जोड़ा गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

hindi news MP news rajendra shukla Cough Syrup cough syrup case MP Cough Syrup Case Drug Monitoring Units
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें