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MP Consumer Commission Chairman: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन को कार्यालय आने नहीं दिया जा रहा है। इसके पहले आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार तिवारी ने व्यक्तिगत रूप से सरकार की मनमानी के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अब दोनों मामलों पर एक साथ सुनवाई के निर्देश दिए हैं।
चेयरमैन की ऑफिस में एंट्री नहीं
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मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग[/caption]
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर अंतरिम आदेश दिए थे कि राज्य और जिला उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन और सदस्य अपने पद पर बने रहेंगे। स्पष्ट आदेश के बावजूद राज्य शासन द्वारा आयोग के चेयरमैन के शासकीय आवास पर घर खाली करने का नोटिस चस्पा करवा दिया गया।
शासकीय वाहन और ड्राइवर सहित अन्य कर्मचारियों को वापस बुलाने के अलावा चेयरमैन को ऑफिस के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। इस रवैये के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है।
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नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका विचाराधीन
सुप्रीम कोर्ट में आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में याचिका विचाराधीन है। इसी बीच प्रदेश के आयोग और जिलो में गठित आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है या फिर होने वाला है। आयोग का कोरम पूरा नहीं होने से उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी हो जाती। उनके मामलों की सुनवाई प्रभावित होती।
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