भोपाल। कांग्रेस विधायक संजय यादव ने शनिवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्य प्रदेश में शराब की खपत के खिलाफ भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती के अभियान में शामिल होने के इच्छुक हैं और उन्हें उन गांवों में बुलाएंगे जहां अवैध शराब की बिक्री हो रही है।
जबलपुर जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले यादव ने फोन पर न्यूज एजेंसी से कहा है कि मैं आज उमा भारती को फोन कर रहा हूं और उनके साथ भोपाल में एक बैठक तय करुंगा। मैं मध्य प्रदेश में परिवारों को बर्बाद कर रही शराब के खतरे को खत्म करने के लिए उनके साथ हाथ मिलाने के लिए उत्सुक हूं।
उन्होंने कहा कि यदि भारती जी वास्तव में शराब को हतोत्साहित करने के लिए काम करना चाहती हैं तो उन्हें पहले शासन के संरक्षण में गांवों में अवैध तौर पर बेची जाने वाली शराब की बिक्री को रोकना होगा। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार की नई शराब नीति की घोषणा से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भारती राज्यभर में शराब के नियमन की मांग कर रही हैं।
यादव ने कहा कि वह भारती को उन गांवों में आमंत्रित करेंगे जहां अवैध रूप से शराब बेची जा रही है। विधायक ने कहा कि अगर वह अपने राजनीतिक करियर को पुनर्जीवित करने की कोशिश नहीं कर रही हैं, तो उन्हें मेरे साथ आना चाहिए और देखना चाहिए कि शराब पीने से परिवार कैसे बर्बाद हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। दो दिन पहले, भारती ने शराब के खिलाफ अपने अभियान के तहत निवाड़ी जिले के ओरछा में एक शराब की दुकान के सामने गायों को बांध दिया था और उन्हें घास खिलाई थी। उन्होंने लोगों से दूध पीने और शराब से दूर रहने का आह्वान किया था। वहां, उन्होंने कहा था कि लोगों की शराब पीने के आदत का फायदा सरकार को नहीं उठाना चाहिए।
गणतंत्र दिवस समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि राज्य एक नई नीति लेकर आएगा जो शराब को हतोत्साहित करेगा। शुक्रवार को राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक शराब की दुकान के सामने गायों को बांधने के भारती के कदम को एक अच्छी बात बताया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री भारती ने पिछले साल जून में इसी ओरछा शराब की दुकान पर गाय का गोबर फेंका था और पिछले साल मार्च में भोपाल में एक शराब की दुकान पर पत्थर फेंका था। भारती ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की मांग करके शुरुआत की थी, अब वह शराब की बिक्री के नियमन की मांग कर रही हैं।