Madhya Pradesh (MP) Congress Survey 2025 Details Update: मध्यप्रदेश में कांग्रेस के एक सर्वे में एक नया और नौकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसके मुताबिक, कांग्रेस में 61 हजार बूथ लेवल एजेंट हैं, लेकिन सिर्फ 12 हजार ही कट्टर कांग्रेसी हैं। 49 हजार बीएलए Inactive हैं।इनमें 3 हजार बीजेपी आईडियोलॉजी वाले हैं।
मध्यप्रदेश में पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत सर्वे कराया। वेरिफिकेशन में पुराने 49 हजार बीएलए Inactive मिले हैं। इनमें बीजेपी आईडियोलॉजी अपना चुके 3 हजार बीएलए अभी कांग्रेस में नहीं है, लेकिन अब भी वह कांग्रेस के रिकार्ड में बीएलए हैं। बाकी 46,000 बीएलए पूरी तरह से इनएक्टिव बताए जा रहे हैं। जिन्हें कांग्रेस ने हटाने का निर्णय लिया है।
विदिशा-रायसेन में कांग्रेस की स्थिति खराब
विदिशा और रायसेन जिलों में बूथ स्तर पर संपर्क और वेरिफिकेशन में बड़ा चौकाने वाले आकड़े सामने आए हैं। यहां के सबसे ज्यादा बीएलए कांग्रेस की आईडियोलॉजी छोड़ चुके हैं और बीजेपी की आईडियोलॉजी को अपना चुके हैं।
कट्टर 49 हजार कार्यकर्ता ढूंढेगी कांग्रेस
अब कांग्रेस पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऐसे कार्यकर्ताओं को ढूंढेंगी, जो कट्टर कांग्रेसी विचारधारा के है। उन कार्यकर्ताओं को 49 हजार पदों पर बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किया जाएगा। इनके अलावा नए 1 हजार बीएलए बनाए जाएंगे। इस तरह प्रदेशभर में बीएलए की संख्या बढ़कर 62 हजार हो जाएगी।
22 दिन में मांगी कट्टर बीएलए की लिस्ट
अखिल भारतीय कांग्रेस ने 30 सितंबर तक कट्टर बीएलए की सूची मांगी है। 62 हजार बूथ लेवल एजेंटों की लिस्ट चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। ताकि आयोग के साथ मिलकर ये वोटर लिस्ट को अपडेशन कर सकें।
जिला, विधानसभा प्रभारी ढूंढेंगे बीएलए
कट्टर बूथ लेवल एजेंट बनाने के लिए मध्यप्रदेश कांग्रेस ने एक टीम बनाई है। जिसमें प्रदेश के 55 जिले और 230 विधानसभा प्रभारी मनोनित किए हैं। यह कट्टर 1 हजार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बीएलए ढूंढेंगे।
हमें X, Facebook, WhatsApp, Instagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
MP Smart Meter: स्मार्ट मीटर तेज चल रहे तो कंज्यूमर ऐसे कराएं चेक, जानें पूरी प्रोसेस… क्या है नया आदेश ?
MP Smart Meter Checking Process: स्मार्ट मीटर से अधिक बिजली बिल समेत अन्य कई शिकायतें सामने आ रही है। जिससे एनर्जी डिपार्टमेंट के खिलाफ कंज्यूमर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…