MP Congress Meeting Jeetu Patwar: मध्य प्रदेश कांग्रेस की बैठक में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भावुक हो गए। पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि मध्य प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनने से उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी स्थिति हो सकती थी। उन्होंने जीतू पटवारी को सलाह दी कि मायूस होने और आंसू बहाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि कांग्रेस की सरकार कैसे बने, इस पर विचार करना चाहिए। इस बैठक में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को लेकर भी चर्चा हुई। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने नई कार्यकारिणी पर सवाल उठाए और कहा कि इसमें विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा की गई है।
कई बड़े नेता नहीं हुए शामिल
कुछ नेताओं ने पद लेने से इनकार कर दिया, जिनमें इंदौर के अमन बजाज और भोपाल के मोनू सक्सेना शामिल हैं। अमन बजाज ने कहा कि नए लोगों को मौका दिया जाना चाहिए, जबकि मोनू सक्सेना ने अनुभवी या युवा साथी को पदस्थ करने का सुझाव दिया। इस मीटिंग में पार्टी के सीनियर नेता नहीं पहुंचे जिस कारण मीटिंग के दौरान जीतू पटवारी भावुक भी हो गए।
गुरुवार की मीटिंग में ये लोग नहीं पहुंचे
कांग्रेस कार्यालय में दो दिन तक बैठकें होंगी, जिसमें पहले दिन पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, और राजेंद्र सिंह मौजूद रहे। हालांकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने इस बैठक से दूरी बनाई और कमेटी के आधे सदस्य भी नहीं पहुंचे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अजय सिंह, अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल, फूल सिंह बरैया, प्रवीण पाठक, बाला बच्चन, और शोभा ओझा शामिल हैं।
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6 महीने के लिए स्ट्रैटेजी पर हुई चर्चा
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक सफल रही। हमने भविष्य की रणनीति तैयार की है और नई कांग्रेस का उदय होगा, जो युवाशील और प्रगतिशील होगी। उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं की अनुपस्थिति पर सभी ने समर्थन दिया है और निर्णय आम सहमति से लिए जाएंगे।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने अपनी नई कार्यसमिति के माध्यम से कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने का फैसला किया है। इन मुद्दों में शामिल हैं।
– किसानों की समस्याएं: किसानों की ऋण माफी, फसल बीमा योजना, और कृषि संबंधी अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
– कानून व्यवस्था: अपराध नियंत्रण, पुलिस सुधार, और न्याय व्यवस्था में सुधार पर जोर दिया जाएगा।
– आदिवासियों और दलितों के अधिकार: आदिवासियों और दलितों के अधिकारों की रक्षा, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार, और उनके उत्थान के लिए कार्यक्रमों को लागू किया जाएगा।
– महिलाओं के खिलाफ अपराध: महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर रोक लगाने, महिला सुरक्षा के लिए कार्यक्रमों को लागू करने, और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।