हाइलाइट्स
- मध्यप्रदेश में कांग्रेस जिलाध्यक्षों की होगी डिजिटल पहरेदारी।
- अब मोबाइल ऐप से होगी जिलाध्यक्षों के कामकाज की मॉनिटरिंग।
- नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति विवाद के बीच कांग्रेस का बड़ा फैसला।
Madhya Pradesh Congress District Presidents Working Reporting App: मध्य प्रदेश कांग्रेस ने नए जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां करने के बाद ‘मिशन-2028’ की तैयारियों में अभी से जुटती नजर आ रही है। जहां कई जिलों में कांग्रेस जिलाध्यक्ष की नियुक्तियों को लेकर असंतोष सामने आया, वहीं पार्टी ने इन विरोधों को दरकिनार कर संगठन को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा दिए हैं। एमपी कांग्रेस अब मोबाइल रिपोर्टिंग ऐप के जरिए जिलाध्यक्षों के कार्यों की रोजाना निगरानी करेगी। यह प्रयोग सफल रहा तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
एमपी कांग्रेस में टेक्नोलॉजी की दस्तक
कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में संगठनात्मक रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। कांग्रेस ने एमपी विधानसभा चुनाव 2028 को ध्यान में रखते हुए नई तकनीक का सहारा लिया है। पार्टी ने हाल ही में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की है और अब इन नियुक्तियों के बाद उनकी कार्यप्रणाली पर नजर रखने के लिए एक विशेष रिपोर्टिंग ऐप तैयार किया गया है। इस ऐप के माध्यम से सभी जिलाध्यक्षों को अपनी दैनिक गतिविधियों की जानकारी अपलोड करनी होगी, जिससे प्रदेश नेतृत्व को उनकी कार्यक्षमता और सक्रियता का सीधा फीडबैक मिल सकेगा। इससे जिलाध्यक्षों की जिम्मेदारियों और कार्यों पर अब टेक्नोलॉजी के जरिए सीधी नजर रखी जाएगी। इसकी रिपोर्ट दिल्ली जाएगी। इस तरह का प्रयोग एमपी कांग्रेस में पहली बार हो रहा है।
रोजाना करनी होगी रिपोर्टिंग
जिलाध्यक्षों को इस रिपोर्टिंग ऐप पर प्रतिदिन अपने द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी अपलोड करनी होगी। अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) इसे देश के अन्य राज्यों में भी लागू करेगी।
प्रशिक्षण और संगठनात्मक बदलाव
इसी सिलसिले में 24 अगस्त को दिल्ली में सभी जिलाध्यक्षों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया है। इस सत्र में उन्हें उनकी जिम्मेदारियों और आगामी रणनीति के बारे में बताया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष जीतू पटवारी (PCC Chief Jitu Patwari) भी इस प्रशिक्षण में मौजूद रहेंगे।
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ऑब्जर्वर की निगरानी में होंगी नियुक्तियाँ
इसके अलावा, पार्टी जिला कार्यकारिणी के लिए एक नया और प्रभावी प्रारूप तैयार कर रही है, जिसमें पदाधिकारियों की संख्या को सीमित किया जाएगा। नियुक्तियाँ सीधे न होकर ऑब्जर्वर की देखरेख में की जाएंगी, ताकि संगठन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। कांग्रेस ने देश में पहली बार मध्य प्रदेश से एक नई पहल शुरू की है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन महामंत्री संजय कामले ने बताया कि अब नवनियुक्त जिलाध्यक्षों के कामकाज की निगरानी एक विशेष रिपोर्टिंग ऐप के जरिए की जाएगी। इस ऐप के माध्यम से उन्हें नए कार्य भी दिए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य जिलाध्यक्षों के कामकाज की गुणवत्ता में सुधार लाना और उन्हें अधिक जिम्मेदार बनाना है।
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पहली बार राजनीतिक दल का तकनीकी प्रयोग
यह नवाचार न सिर्फ कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा, बल्कि यह भारतीय राजनीति में एक नई मिसाल के रूप में भी देखा जा रहा है। खास बात यह है कि देश में पहली बार किसी राजनीतिक दल द्वारा जिलाध्यक्षों की निगरानी के लिए तकनीकी माध्यम का प्रयोग किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से हुई है।