Digvijay Singh Brother Laxman Singh Controversy: पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह अब कांग्रेस पार्टी का हिस्सा नहीं है। 11 जून (बुधवार) को कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
पार्टी के इस कदम के बाद बीजेपी-कांग्रेस के बीच जमकर सियासत भी हुई। हालांकि, निष्कासन को लेकर लक्ष्मण सिंह चुप ही रहे। कार्रवाई के कुछ घंटों बाद अब दिग्गी के भाई का बयान सामने आया है। एक्शन के बाद लक्ष्मण सिंह ने फिर राहुल गांधी पर निशाना साधा है।
मैं ज्योतिषी नहीं, जो भविष्य बताऊं
निष्कासन के बाद लक्ष्मण सिंह ने कहा कि- पार्टी चाहती है कि, मैं ऐसा बयान दूं कि, राहुल गांधी देश का भविष्य हैं और वो वे प्रधानमंत्री बनेंगे। लेकिन मैंने इनकार कर दिया। मैं ज्योतिषी नहीं हूं, जो भविष्य बताऊं। इसलिए मुझे बाहर कर दिया गया।
बयानबाजी के खिलाफ हुआ एक्शन
चांचौड़ा विधानसभा सीट से 2023 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद लक्ष्मण सिंह कई बार प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी सहित पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की थी, जिससे वे लगातार विवादों में घिरते जा रहे थे।
राहुल गांधी को बताया था नादान
गुना जिले में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी को नादान तक कह दिया था। उन्होंने कहा था कि- रॉबर्ट वाड्रा कहते हैं मुसलमान को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने दिया जा रहा इसलिए आतंकी हमला हुआ।
राहुल गांधी को ऐसी घटनाओं पर सोच-समझकर बोलना चाहिए। इनकी नादानी के कारण ही आतंकियों की हिम्मत बढ़ती है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया था कि वे आतंकवादियों से मिले हुए हैं।
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए थे लक्ष्मण
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने 20 साल पहले 2004 में खुद कांग्रेस छोड़ी थी। कांग्रेस छोड़कर वे बीजेपी में चले गए थे, लेकिन 2010 में फिर से कांग्रेस में लौट आए थे। अब इस बार पार्टी ने उन्हें खुद निकाल दिया है। लक्ष्मण सिंह 2003 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
2004 में हुए लोकसभा चुनाव में वो बीजेपी में शामिल हुए और राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की और बीजेपी से सांसद बने। हालांकि, कुछ ही वक्त बाद वो फिर से कांग्रेस में लौट आए।
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