हाइलाइट्स
- एमपी में 83 प्राइवेट कॉलेजों की मान्यता खत्म
- इनमें जीवाजी के 19 और रीवा के 9 कॉलेज
- सरकार ने इन कॉलेजों में एडमिशन पर लगाई रोक
MP Collage Fraud Scam: मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा के बाद एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। जहां प्रदेश के ग्वालियर, रीवा और और इंदौर में जीवाजी यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों से संबंधित कॉलेज फर्जी पाए गए हैं। इसमें से सबसे ज्यादा 19 कॉलेज ग्वालियर के निकले हैं। इस फर्जीवाड़ा के उजागर होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने इन कॉलेजों की मान्यता समाप्त करने की तैयारी कर ली है। साथ ही साथ इन सभी 83 कॉलेजों में छात्रों के नए सत्र से एडमिशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
जीवाजी ने खेत को दे दी कॉलेज की मान्यता
एमपी के इन कॉलेज फ्रॉड का सबसे हैरान करने वाला मामला ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबंद्ध कॉलेज का रहा है। इसका नाम विंग्स कॉलेज है।
यूनिवर्सिटी के दस्तावेजों में इसका पता- रतवई, चितौरा रोड, मुरार, ग्वालियर दर्ज है। यहां बीए, बीकॉम और बीएससी की डिग्री दी जाती हैं। पांच साल पहले 2020 में कॉलेज शुरू हुआ था। अब तक यहां से 900 छात्र डिग्री ले चुके हैं। जांच में सामने आया है कि वर्तमान में इस कॉलेज का कोई अस्तित्व ही नहीं है। कॉलेज के पते पर खेत दिखाई देता है।
उच्च शिक्षा विभाग की जांच में पकड़े गए 83 फर्जी कॉलेज
प्रदेश विंग्स कॉलेज की तरह ही अनेक कॉलेज हैं, जो बिना बिल्डिंग के चल रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग की जांच में ऐसे 83 प्राइवेट कॉलेज सामने आए हैं। जहां अलग-अलग तरह की अनियमितताएं हैं। किसी की बिल्डिंग नहीं है तो कोई एक कमरे से संचालित हो रहा है।
जनवरी में हुई थीा 9 यूनिवर्सिटी के कॉलेजों की जांच
उच्च शिक्षा विभाग की टीम ने इसी साल जनवरी में मध्यप्रदेश की 9 यूनिवर्सिटी से संबद्ध 729 प्राइवेट कॉलेजों का भौतिक निरीक्षण (फिजिकल वेरिफिकेशन) किया था। जिसमें बड़ी गड़बड़ियां सामने आई हैं। सबसे अहम बात यह है कि इन कॉलेजों का हर साल यूनिवर्सिटी स्तर पर इंस्पेक्शन हो रहा था और यूनिवर्सिटी की टीम इन्हें मान्यता दे रही थी।
एक शिकायत से हुआ फर्जी कॉलेजों के घोटाले का खुलासा
साल 2022 में दुर्गा कॉलोनी ग्वालियर के अरुण कुमार शर्मा एक प्राइवेट कॉलेज के फर्जीवाड़े की आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि मुरैना के सबलगढ़ तहसील के झुंडपुरा में एक फर्जी शिवशक्ति कॉलेज चलाया जा रहा है। यहां कॉलेज का कोई अस्तित्व नहीं है। EOW की जांच में शिकायत सही पाई गई।
जीवाजी के कुलगुरु समेत 18 प्रोफेसर एवं स्टाफ पर केस
इसके बाद, ईओडब्ल्यू ने 13 जनवरी 2025 को जीवाजी विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी, गोविंद गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी, बांसवाड़ा, राजस्थान के कुलगुरु डॉ. केएस ठाकुर समेत 18 प्रोफेसर और स्टाफ के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया। एक महीने बाद, राज्यपाल ने कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी को बर्खास्त कर दिया।
कॉलेज-यूनिवर्सिटी की साठगांठ से हुआ खेला
ईओडब्ल्यू की जांच में यह सामने आया कि शिवशक्ति कॉलेज के संचालक रघुराज सिंह जादौन ने जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाए थे।
इन दस्तावेजों के आधार पर कॉलेज की मान्यता और संबद्धता हासिल की गई और छात्रों का झूठा एडमिशन दिखाया गया, साथ ही स्कॉलरशिप और अन्य मदों में सरकारी लाभ भी लिया गया। जिन टीमों ने कॉलेज का निरीक्षण किया, उनकी भी संचालक के साथ साठगांठ पाई गई।
उच्च शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों से कराई जांच
जीवाजी यूनिवर्सिटी के इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश के 792 प्राइवेट कॉलेजों के फिजिकल वेरिफिकेशन का फैसला लिया। विभाग के अपर सचिव ने हर जिले के कलेक्टर को एक टीम बनाने के निर्देश दिए। इसमें राजस्व विभाग के अफसरों के साथ सरकारी कॉलेज के दो नियमित शिक्षकों को शामिल किया गया।
जांच दल ने अपने जिले में आने वाले सारे प्राइवेट कॉलेजों की जांच कर सात दिन में रिपोर्ट अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा को सौंपी। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग ने जिलों के शीर्ष महाविद्यालयों से जुड़ी एक टीम बनाई थी। इस टीम ने भी जिले के प्राइवेट कॉलेजों का वेरिफिकेशन किया।
फर्जीवाड़े में ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज सबसे ज्यादा
यूनिवर्सिटी का नाम | संबद्ध फर्जी कॉलेजों की संख्या |
---|---|
जीवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर | 19 |
अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, रीवा | 9 |
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर | 3 |
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर | 2 |
बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी, भोपाल | 1 |
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन | 1 |
छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी | 1 |
10 बिंदुओं पर उच्च शिक्षा विभाग ने कराई जांच
- कॉलेज खुद के, किराए के या लीज के भवन में संचालित हो रहा है।
- कॉलेज की समिति की कुल भूमि, खसरा नंबर और भूमि डायवर्जन की जानकारी।
- कॉलेज कैंपस में भवनों की संख्या, क्षेत्रफल और निर्मित क्षेत्रफल।
- कॉलेज में प्राचार्य कक्ष, व्याख्यान कक्ष, कार्यालय, स्टाफ कक्ष, पुस्तकालय, एनसीसी-एनएसएस कक्ष हैं या नहीं।
- छात्राओं के लिए कॉमन रूम, प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर कक्ष, खेल मैदान, पार्किंग क्षेत्र की व्यवस्था।
- कॉलेज में कुल विद्यार्थियों की संख्या (छात्र-छात्राओं की अलग-अलग)।
- नियुक्त शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ की संख्या।
- नए सिलेबस शुरू करने के लिए एनओसी की स्थिति।
- अध्ययन और अध्यापन के लिए पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं।
- छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग वॉशरूम और दिव्यांगजनों के लिए रैंप की व्यवस्था।
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