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हाइलाइट्स
- कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड में प्रशासन की कार्रवाई।
- कटारिया फार्मास्यूटिकल्स का लाइसेंस निरस्त किया।
- लापरवाही उजागर, जबलपुर में ऑफिस-गोदाम सील।
MP Cough Syrup case Jabalpur Kataria Pharma license cancelled: मध्य प्रदेश में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड के बाद प्रशासन की अलग-अलग जिलों में कार्रवाई जारी है। छिंदवाड़ा और बैतूल में कफ सिरप पीने के बाद किडनी संक्रमण से अब तक 25 बच्चों की जान जा चुकी है। इस गंभीर मामले में अब जबलपुर के कटारिया फार्मास्यूटिकल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। खाद्य एवं औषधि विभाग ने फर्म का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यहीं से कोल्ड्रिफ कफ सिरप छिंदवाड़ा भेजे गए थे।
खाद्य एवं औषधि विभाग की कार्रवाई
छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के लिए कफ सिरप तमिलनाडु की श्रीसन फार्मा में बनाया गया था। जबलपुर की कटारिया फार्मास्युटिकल्स के माध्यम से छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप का बड़ा स्टॉक भेजा गया था। रविवार को जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कई गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं। रिपोर्ट में सिरप में हानिकारक रसायन मिलने और लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन की पुष्टि होने पर खाद्य एवं औषधि विभाग ने कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया।
बिना अनुमति रखा दवाओं का स्टॉक
खाद्य एवं औषधि विभाग ने दो दिन पहले की गई जांच में पाया कि जबलपुर के ओमती थाना इलाके के नौदरा ब्रिज के पास स्थित कटारिया फार्मास्यूटिकल का ऑफिस-गोदाम बिना वैध अनुमति के संचालित किया जा रहा था, जहां बड़ी मात्रा में दवाओं का स्टॉक रखा गया था। जांच में सामने आया कि गोदाम में बिना परमिशन के दवाओं का स्टॉक रखा था। यह महाकौशल क्षेत्र में कोल्ड्रिफ कफ सिरप का एक ही डीलर है। यहीं से क्षेत्र के मेडिकल स्टोर संचालक दवाएं लेकर जाते हैं।
जांच के दौरान संचालक ने केवल दुकान का लाइसेंस और कुछ सामान्य दस्तावेज प्रस्तुत किए, लेकिन गोदाम से संबंधित कोई वैध दस्तावेज या स्वीकृति नहीं दे पाया। यह स्पष्ट उल्लंघन सामने आने के बाद खाद्य एवं औषधि विभाग ने जिला प्रशासन के सहयोग से ऑफिस और गोदाम को अस्थायी रूप से सील कर दिया है।
जबलपुर से भेजे गए कोल्ड्रिफ सिरप अमानक
कटारिया फार्मास्यूटिकल से जब्त किए गए कफ सिरप के नमूनों की जांच की गई। जबलपुर से भेजे सैंपलों में भी दूषित केमिकल की पुष्टि हुई है। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की कई उल्लंघनियाँ पकड़ी गईं। जिसके बाद विभाग ने फर्म को नोटिस जारी किया और एक दिन के अंदर जवाब देने के निर्देश दिए।
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फर्म की बड़ी लापरवाही उजागर
खाद्य एवं औषधि विभाग ने शनिवार को फार्मा के ऑफिस में खरीदी-बिक्री के रिकॉर्ड की जांच की थी। जांच टीम ने यह भी पाया कि जहाँ दवाओं का स्टॉक रखा गया था, वहां रेफ्रिजरेटर नहीं था, जबकि नियमों के अनुसार यह अनिवार्य है। फर्म ने खरीदी-बिक्री रिकॉर्ड भी पूरी तरह प्रस्तुत नहीं किया, जो गंभीर लापरवाही मानी जाती है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने अब दवाओं पर कस्टडी ऑर्डर ले लिया है, और पूरी जांच की अनुमति दी गई है।
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