हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट ने 27% OBC आरक्षण को लेकर सुनाया आदेश
- एमपी-सीजी की सभी याचिकाओं की सुनाई सुप्रीम कोर्ट करेगा
- सभी 52 आचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर की जाएंगी
OBC Reservation Case Update: 27 फीसदी ओबासी आरक्षण को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण से संबंधित सभी 52 याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश खास तौर पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मामलों के लेकर आया है। यह आदेश एमपी सरकार द्वारा हाईकोर्ट में लंबित (OBC आरक्षण से संबंधित) सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका पर किया गया है।
यहां बता दें, छत्तीसगढ़ के OBC आरक्षण संबंधी मामलों पर सुप्रीमकोर्ट पूर्व में अंतरिम आदेश दे चुका है। CG में फिलहाल बढ़े हुए OBC आरक्षण के बाद कुल 81 प्रतिशत आरक्षण भर्तियों में लागू है। अब आने वाले दिनों में SC एमपी समेत छत्तीसगढ़ के 27 फीसदी OBC आरक्षण पर सुनवाई करेगा।
27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण: टाइम लाइन
- मार्च 2019: कमलनाथ सरकार में मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% किया गया।
- मार्च 2019: हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाई। कहा- कुल आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं हो सकता।
- सितंबर 2021: एमपी सरकार की नई गाइडलाइंस- तत्कालीन महाधिवक्ता के अभिमत के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने ओबीसी को 27% आरक्षण देने की अनुमति दी।
- अगस्त 2023: हाईकोर्ट ने 87:13 फॉर्मूला लागू किया। इसके बाद से 87% पदों पर भर्ती के साथ 13% पदों को होल्ड पर रखा गया।
- 28 जनवरी 2025: हाईकोर्ट ने 87:13 फॉर्मूले को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कीं। 27% ओबीसी आरक्षण का रास्ता साफ हुआ।
- 13 फरवरी 2025: MP सरकार ने 27 फीसदी OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया। सीएम ने एडवोकेट जनरल को जल्द सुनवाई के लिए आवेदन लगाने को कहा।
MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: शिक्षक भर्ती से जुड़े 3 मामलों में कैंडिडेट्स को राहत, TET 2020 पास और गेस्ट टीचर्स होंगे खुश
MP Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती से जुड़े तीन अहम मामलों में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों को राहत प्रदान की। बुरहानपुर की याचिकाकर्ता आकांक्षा और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह तर्क दिया कि TET 2023 की नियम पुस्तिका (Rulebook) के अनुसार, 2018 के बाद आयोजित किसी भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की वैधता आजीवन होगी। इसके बावजूद मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB) ने प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में TET 2020 पास अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने कोर्ट को अवगत कराया कि 2023 की नियम पुस्तिका के क्लॉज 7.4 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 2018 और उसके बाद की TET परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…