भोपाल से मनोज सैनी की रिपोर्ट| MP Cabinet: मध्यप्रदेश को नया मुखिया मिलने के बाद अब लोगों की नजर मंत्रिमंडल पर है। हाई कमान से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सीएम यादव की चर्चा हुई है। मंत्रिमंडल में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण नजर आएगा।
नए चेहरों को मौका मिलेगा
एमपी में 23 या 24 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। इस बीच कई पूर्व मंत्रियों की जगह नए चेहरों को मौका मिलेगा। 3 से 5 बार वाले विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। चर्चा है कि इस बार बीजेपी उन लोगों को मौका देने जा रही है, जो अभी तक चुनाव जीते लेकिन मंत्री नहीं बन पाए।
इन पर पार्टी की खास नजर
बुंदेलखंड के सागर से शैलेंद्र जैन, नरयावली से प्रदीप लारिया, महाकौशल के जबलपुर से अशोक रोहाणी, मध्य के विदिशा से हरी सिंह सप्रे, सोहागपुर से विजय पाल सिंह, भोपाल से कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा, और विष्णु खत्री, मालवा के इंदौर से रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, नीमच से दिलीप परिहार और अलीराजपुर से नागर सिंह चौहान।
ये सब ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने हमेशा चुनाव जीता, लेकिन मंत्री मंडल में अभी तक मौका नहीं मिला। हालांकि अब सभी अपने-आपको पार्टी की लाइन से बांधे नजर आ रहे हैं।
नए विधायक खेलेंगे पारी?
छत्तीसगढ में मंत्रिमंडल विस्तार में पहली बार के विधायकों को भी मौका दिया है और इससे मध्य प्रदेश में भी पहली बार के विधायकों की उम्मीद बढ़ गई है। इस बार MP से भी कुछ सीटें ऐसी है जहां पार्टी मान रही है कि कमाल हुआ है।
जिनमें चाचौड़ा से प्रियंका मीणा जो लक्ष्मण सिंह जैसे दिग्गज को हराकर विधानसभा पहुंची है, तो वहीं लांजी से हिना कांवरे को हराने वाले राजकुमार कर्राहे को भी इनाम मिल सकता है।
मंत्री बनने की कतार में और भी विधायक हैं, लेकिन पार्टी क्षेत्रीय, जातिगत और मेरिट के आधार पर ही मौका देगी, ताकि आगे भी इनका उपयोग किया जा सके।
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