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भोपाल। कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के सीधी MP Bus Operators Strike जिले में एक बस हादसे में 54 लोगों की मौत ​हो गई थी। ​इस हादसे के बाद परिवहन विभाग और प्रशासन ने बसों की चेकिंग शुरू की। चेकिंग में कमियां मिलने के बाद कुछ बसों को जब्त कर लिया गया तो कुछ बसों पर जुर्माना कर उन्हें छोड़ दिया गया साथ ही ओवरलोडिग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें हिदायत दी गई की वे अब क्षमता से अधिक सवारी न बैठाएं।
26 और 27 फरवरी को हड़ताल
उधर प्रशासन की इस कार्रवाई का बस संचालकों ने विरोध किया है। बस संचालकों का कहना है कि सीधी बस हादसे के बाद प्रशासन अपनी गलती छुपाने के लिए बस संचालकों पर टूट पड़ा है। जबकि बस संचालक प्रदेश के राजस्व का मुख्य हिस्सा है और एकमात्र ऐसा व्यवसाय है जो सरकार को एडवांस टैक्स देकर अपना धंधा करता है। बस संचालकों का ​कहना है कि सभी बस संचालकों ने 26 और 27 फरवरी को हड़ताल पर रहने का फैसला किया है।
कार्रवाई का विरोध किया गया
भोपाल में आज बस संचालकों की एक बैठक हुई। इसमें प्रशासन द्वारा की जा रही चलानी कार्रवाई का विरोध किया गया। बस संख्या लोगों का कहना है कि सरकार और अफसर प्रदेश में दुर्घटनाओं से लेकर इस व्यवसाय में हो रहे नुकसान की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। पिछले 6 महीने में तीन बार मुख्यमंत्री परिवहन मंत्री और परिवहन विभाग के अफसरों को ज्ञापन दिए गए हैं।
किराया वृद्धि नहीं की गई
बस संचालकों की मांग है कि जब डीजल 60 रु प्रति लीटर था तब से किराया वृद्धि नहीं की गई है अब डीजल 90 से अधिक हो गया है ऐसे में बस संचालन बेहद घाटे का व्यवसाय हो गया है।
बैठक में भोपाल, सागर, होशंगाबाद, बैतूल, इंदौर के बस संचालक उपस्थित थे।
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