MP Budget 2025: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने राज्य में भारतीय संस्कृति और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना की घोषणा की है। इसके तहत प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर ‘गीता भवन’ बनाए जाएंगे। इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह घोषणा वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में बजट भाषण (MP Budget 2025) के दौरान की।
सरकार के अनुसार, गीता भवन (MP Budget 2025) में एक हॉल, लाइब्रेरी, पार्किंग और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं होंगी। लाइब्रेरी में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी किताबें और भारतीय संस्कृति से संबंधित साहित्य रखा जाएगा। इसके अलावा, ई-लाइब्रेरी, सभागार और साहित्य सामग्री बेचने के लिए केंद्र भी बनाए जाएंगे। इसका मकसद लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक साहित्य का आसानी से अध्ययन करने का मौका देना है।
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योजना का मकसद
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट भाषण (MP Budget 2025) में कहा, “आज के समय में धार्मिक ग्रंथों, साहित्य और वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। गीता भवन लोगों में पढ़ने की रुचि बढ़ाने और भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने में मदद करेंगे। ये केंद्र शहरी क्षेत्रों में बनाए जाएंगे और इन्हें वैचारिक अध्ययन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।
100 करोड़ रुपए का बजट
इस योजना को लागू करने के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए का बजट (MP Budget 2025) रखा है। गीता भवन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेंगे, बल्कि यहां सामुदायिक कार्यक्रम और विचार-विमर्श के लिए भी जगह मिलेगी। यह कदम मुख्यमंत्री मोहन यादव की उस सोच को दिखाता है, जो आधुनिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों को बचाने पर जोर देती है।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस घोषणा के बाद प्रदेश भर में लोगों ने इसे एक सराहनीय कदम बताया है। धार्मिक संगठनों और साहित्य प्रेमियों ने सरकार के इस फैसले की तारीफ की है। गीता भवन के निर्माण से न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि यह युवाओं को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने में भी मदद करेगा। इस तरह, गीता भवन योजना मध्य प्रदेश में सांस्कृतिक और धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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