भोपाल। MP Breaking: रक्षा मंत्रालय Raksha Mantralaye ने एक बड़ा फैसला लेते हुए देशभर में 62 सैन्य छावनी परिषदों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। मंत्रालय का तर्क है रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा छावनियों के क्षेत्रों के विकास पर खर्च हो रहा है।
छावनियों के नागरिक क्षेत्रों के विस्तार के लिए सेना की जमीनों की जरूरत पड़ती है। इस फैसले से मध्यप्रदेश के जबलपुर, मुरार, महू पचमढ़ी, सागर की सैन्य छावनी परिषद खत्म होंगी।
सिविल एरिया के लिए होगा पालिका का गठन — MP Breaking:
आपको बता दें रक्षा मंत्रालय के इस फैसले के बाद छावनी परिषद सैन्य क्षेत्र मिलिट्री स्टेशन में तब्दील हो जाएगी। सिविल एरिया के लिए लिए पालिका का गठन होगा। एमओडी ने सबसे पहले हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित योल छावनी परिषद का अस्तित्व समाप्त करने का आदेश जारी किया है।
आपको बता दें जोधपुर स्थित रक्षा संपदा विभाग के सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में नसीराबाद छावनी परिषद को भंग करने का आदेश भी जारी हो सकता है। एमओडी को सिविल एरिया, सैन्य एरिया, आबादी, वार्ड सहित महत्वपूर्ण जानकारियां भेज दी गई हैं।
ये आएंगे बदलाव — MP Breaking:
इस बात को लेकर लंबे समय पर मांग होती रही है। कि केंलेकिन अब इस निर्णय के बाद जहां छावनी क्षेत्र है वहां विकास की रफ्तार तेज नहीं हो पाई है। इसे 62 क्षेत्र में छावनी परिसर खत्म किया जाएगा। इससे किसी भी काम को शुरू करने के लिए केंट से परमिशन लेनी होती थी।
लेकिन अब इस फैसले से विकास को रफ्तार मिलेगी। उन क्षेत्रों में विकास के अधिकार नागरिकों को मिलेंगे। इसमें एमपी के 5 सैन्य क्षेत्रों समेत 62 बोर्ड शामिल होंगे।