MP BJP Minister Vijay Shah Case Supreme Court Hearing Update: मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह को सोमवार, 28 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ी फटकार मिली है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ब्रीफिंग कर रही कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्होंने ऑनलाइन माफी मांगी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की।
कोर्ट ने शाह की सार्वजनिक माफी को बेईमानी भरा बताया और उसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने गौर किया कि शाह ने अपने माफी वाले वीडियो में यह नहीं माना कि उनकी बातों से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि शाह को खुद सोचना चाहिए कि वह अपनी सजा कैसे पूरी करेंगे। उन्होंने यह भी पूछा, आपकी वह सार्वजनिक माफी कहां है? आप हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं।
कांग्रेस नेता की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर की उस याचिका को सुनने से मना कर दिया, जिसमें उन्होंने मंत्री विजय शाह को उनके पद से हटाने की मांग की थी। यह याचिका 23 जुलाई को दायर की गई थी। कोर्ट ने साफ कहा कि इस याचिका में विजय शाह को लेकर जो भी बातें कही गई हैं, एसआईटी (विशेष जांच दल) उन सभी बिंदुओं पर जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट में उन पर गौर करेगी।
पढ़ें लाइव सुनवाई
– मंत्री विजय शाह की ओर से वरिष्ठ वकील के. परमेश्वर ने कोर्ट को बताया कि पिछले आदेश के मुताबिक, उनका बयान दर्ज कर लिया गया है और उन्होंने पूरा सहयोग किया है।
– जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा, आज एक और रिट याचिका (डॉ. जया ठाकुर की) भी है। आपका क्या मतलब है कि आपका बयान दर्ज हो गया है? पिछली बार आपने क्या बयान दिया था?
– जस्टिस सूर्यकांत ने नाराजगी जताते हुए कहा, कि आपकी वह सार्वजनिक माफी कहां है? आप हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं। जांच के नाम पर क्या किया गया?
– वरिष्ठ वकील के. परमेश्वर ने बताया कि माफी ऑनलाइन है और उसे सोमवार को रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।
– जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर टिप्पणी की, इससे उनके इरादे ज़ाहिर होते हैं। इससे हमें उनकी ईमानदारी पर और शक होता है। उनका बयान दर्ज करने की क्या जरूरत है? जिन लोगों को परेशान किया गया है, उनके बयान दर्ज होने चाहिए थे।
– जस्टिस सूर्यकांत ने एसआईटी के एक सदस्य से पूछा, आप हमें अपने नतीजों से कितनी जल्दी अवगत करा पाएंगे?
– जस्टिस सूर्यकांत ने डॉ. जया ठाकुर की याचिका पर कहा, इस तरह की याचिकाएं दायर न करें।
– ठाकुर के वरिष्ठ वकील ने बताया, हमें स्वतंत्रता दी गई थी।
– जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हम इस पर विचार करने से इनकार करते हैं। याचिकाकर्ता को सही मंच पर जाने की स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने आगे कहा, आपको पता है कि आपके पास क्या उपाय है। हालांकि, याचिका में इस सज्जन (शाह) के बारे में कुछ उदाहरण दिए गए हैं। एसआईटी को इन पर गौर करना चाहिए और एक विस्तृत रिपोर्ट देनी चाहिए।
कोर्ट रूम में थे एडवोकेट ठाकुर, तन्खा
इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में 28 मई को हुई सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने एक कैविएट भी दायर की थी, जिसमें उन्होंने कोर्ट से कहा था कि उन्हें सुने बिना सुप्रीम कोर्ट शाह केस में कोई फैसला न दे। उस समय जया ठाकुर की तरफ से एडवोकेट वरुण ठाकुर, विवेक तन्खा और अन्य वकील कोर्ट रूम में मौजूद थे।
सरकार ने क्यों नहीं लिया इस्तीफा ?
एडवोकेट वरुण ठाकुर ने 28 मई को हुई सुनवाई में विशेष जांच दल (SIT) के रवैये पर संदेह जताया था। SIT ने कोर्ट को बताया था कि शाह के बयान वाले वीडियो की जांच के लिए एमपी की FSL लैब में सुविधा नहीं है। जिसमें उन्होंने कोर्ट से समय मांगा था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार ने अब तक अपने मंत्री से इस्तीफा क्यों नहीं लिया।
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क्या था मंत्री का विवादित बयान ?
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित एक हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी पर एक बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।
मान-सम्मान का बदला ले सकते हैं
शाह ने आगे कहा था, अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा, कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।
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