हाइलाइट्स
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के.परासरण को राष्ट्रपति बनाने की मांग
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मप्र भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने पीएम को लिखा पत्र
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राम मंदिर का केस लड़ चुके हैं के. परासरण
भोपाल। मप्र भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक अशोक विश्वकर्मा ने भोपाल कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें मांग की गई है कि राम मंदिर का केस लड़ने वाले वकील के.परासरण को भारत का अगला राष्ट्रपति बनाया जाए। इस दौरान अशोक विश्वकर्मा ने कहा, के.परासरण राष्ट्रपति बनते हैं तो भगवान में राम को मानने वाले भक्त खुद पर गर्व करेंगे।
पीएम को लिखे पत्र में अशोक विश्वकर्मा ने कहा, मैं आज तक परासरण जी से न तो मिला हूं, न ही वो मुझे जानते हैं, लेकिन मेरा आत्मीय भाव है कि उन्हें देश का अगला राष्ट्रपति बनाया जाए।
अशोक विश्वकर्मा ने लिखा पत्र
उन्होंने आगे कहा मंदिर के लिए के. परासरण ने भगवान राम का केस लड़ा था। मेरा पीएम मोदी से निवेदन है कि राष्ट्रपित द्रौपदी मुर्मू के बाद के. परासरण को राष्ट्रपति बनाया जाए। बता दें कि अशोक विश्वकर्मा बीजेपी विधि प्रकोष्ठ में प्रदेश सह-संयोजक के पद पर हैं। इससे पहले वे विद्यार्थी परिषद और अधिवक्ता परिषद में भी कार्य कर चुके हैं।
92 की उम्र में लड़ा राम मंदिर का केस
के. परासरण का पूरा नाम केशव अय्यंगार परासरण है। वे मूल रुप से तमिलनाडू के रहने वाले हैं। परासरण 92 साल के हैं, इस उम्र भी वो राम मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट में घंटों पर बहस करते थे।
प्रियंका गांधी का केस लड़ चुके परासरण
परासरण प्रियंका गांधी का केस भी लड़ चुके हैं। साल 1997 में तीस हजारी कोर्ट में उन्होंने प्रियंका गांधी का केस लड़ा था। इसमें कोर्ट में एक व्यक्ति ने यह याचिका लगाई थी कि रॉबर्ट वाड्रा से शादी होने से पहले ही प्रियंका की शादी उसके साथ हो चुकी है।
पद्म भूषण से नवाजे जा चुके परासरण
के. परासरण को भारत सरकार की ओर पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है। मनमोहन सरकार में उन्हें पद्म विभूषण सम्मान दे चुकी है। साथ ही साल 2019 में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा उन्हें मोस्ट एमिनेंट सीनियर सिटीजन अवॉर्ड भी दिया था। बता दें कि के. परासरण का जन्म 1927 में तमिलनाडु के श्रीरंगम हुआ था।
परासरण के पिता वकील रहे हैं, उन्हें वकालत विरासत में मिली है। साल1958 में उन्होंने वकालत की प्रैक्टिस शुरु की थी।