MP Bijli Vibhag Electricity Bills: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में बिजली विभाग की एक हैरान करने वाली कार्रवाई सामने आई है। ब्यौहारी के पपरेड़ी गांव में चार घरों के बिजली बिल (Bijli Bill) बकाया होने के कारण विभाग ने पूरे गांव का बिजली कनेक्शन काट दिया।
इससे ग्रामीणों का जीवन मुश्किल हो गया है, खासकर बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों और किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि ग्रामीणों को इसकी पूर्व सूचना भी नहीं दी गई थी।
बिजली संकट से छात्र और किसान सबसे ज्यादा प्रभावित
बिजली कटौती का सबसे ज्यादा असर बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों और किसानों पर पड़ रहा है। छात्रों को लालटेन और मोमबत्ती के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है, जबकि ऑनलाइन पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है। मोबाइल फोन चार्ज न होने से डिजिटल लर्निंग भी प्रभावित हो गई है। बिजली न होने से खेतों में सिंचाई नहीं हो पा रही है और किसानों की फसलें सूखने लगी हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पपरेड़ी गांव में चार घरों पर बिजली बिल बकाया था। विभाग ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए पूरे गांव की बिजली आपूर्ति बंद कर दी। ग्रामीणों ने इसे पहले तकनीकी खराबी समझा, लेकिन जब तीन दिन तक बिजली नहीं आई, तो उन्होंने विभाग से संपर्क किया। तब जाकर उन्हें पता चला कि यह बिजली बिल बकाया होने के कारण जानबूझकर की गई कटौती थी।
ग्रामीणों का सवाल – पूरे गांव को क्यों दी गई सजा?
ग्रामीणों ने बिजली विभाग (Bijli Vibhag) की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर सिर्फ चार घरों का बिजली बिल बकाया था, तो पूरे गांव की बिजली क्यों काटी गई? बिजली संकट से परेशान ग्रामीणों ने बिजली विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बिजली बहाल नहीं हुई, तो वे बिजली विभाग के कार्यालय के सामने उग्र प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई की तुरंत समीक्षा की जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।
बिजली विभाग की लापरवाही पर प्रशासन की चुप्पी
इस मामले में अभी तक विद्युत विभाग के अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान या कार्रवाई नहीं की गई है। सवाल यह उठता है कि क्या बिजली विभाग (Bijli Vibhag) की इस मनमानी कार्रवाई पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा या नहीं? ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने की अपील की है।
बिजली विभाग की मनमानी को रोकने की जरूरत
शहडोल के इस मामले ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि सिर्फ चार घरों के बकाया बिल की वजह से पूरे गांव को अंधेरे में रखा जा रहा है, तो यह अन्य गांवों के लिए भी चिंता का विषय बन सकता है।
अब सभी की नजरें बिजली विभाग और प्रशासन पर टिकी हैं। क्या बिजली विभाग अपनी गलती सुधारते हुए तुरंत गांव की बिजली आपूर्ति बहाल करेगा? या फिर ग्रामीणों को अपनी मांगें मनवाने के लिए और संघर्ष करना पड़ेगा?
सरकार को चाहिए कि वह इस मामले की तुरंत जांच करवाए और बिजली विभाग की इस मनमानी पर रोक लगाए। इसके अलावा, बिजली बिल वसूली के लिए नियमों को पारदर्शी बनाया जाए ताकि पूरे गांव को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।
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