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MP Tehsildar Pending Case: 6 हजार पेंडिंग केस निपटाना बड़ी चुनौती, छुट्टी में भी काम कर रहे तहसीलदार, नहीं तो लगेगा फाइन

मध्यप्रदेश में तहसीलदारों की हड़ताल खत्म होने के बाद अब उनके सामने 6,000 से अधिक पेंडिंग केसों को समय पर निपटाने की चुनौती है। ये मामले लोक सेवा केंद्रों से जुड़े हैं, और देरी होने पर 250 रुपए प्रतिदिन जुर्माना तय है।

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Vikram Jain
MP Tehsildar Pending Case: 6 हजार पेंडिंग केस निपटाना बड़ी चुनौती, छुट्टी में भी काम कर रहे तहसीलदार, नहीं तो लगेगा फाइन

हाइलाइट्स

  • एमपी में काम पर लौटे तहसीलदार और नायब तहसीलदार।
  • भूमि और प्रमाण पत्र से जुड़े 6 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग।
  • छुट्टी में भी काम कर रहे अधिकारी, देरी होने पर जुर्माना तय।
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MP Tehsildar Revenue Department Pending Case: मध्यप्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आए हैं। अब उन्हें 6,000 से ज्यादा लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाना है। ये केस भूमि संबंधित और प्रमाण पत्रों से जुड़े हैं, जिन्हें लोक सेवा केंद्रों से प्राप्त किया गया है। यदि तय समय सीमा में इन मामलों का निराकरण नहीं होता, तो संबंधित अफसरों पर प्रति दिन ₹250 का जुर्माना लगेगा। अब अफसर छुट्टियों में भी काम कर रहे हैं ताकि आम जनता को राहत मिल सके।

पेंडिंग केसों को निपटाना बड़ी चुनौती

दरअसल, मध्य प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार पिछले कुछ दिनों से न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों के बंटवारे को लेकर काम बंद आंदोलन कर रहे थे। जिसके कारण राजस्व और अन्य जरूरी कार्य प्रभावित हुए हैं। 6 अगस्त से शुरू हुए इस विरोध को उन्होंने 8 मांगों के समर्थन में शुरू किया था। भोपाल की प्रमुख तहसीलों बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर में यह विरोध अधिक प्रभावी रहा। इसके बाद राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद अफसरों ने काम पर वापसी का फैसला लिया। अब सबसे बड़ी प्राथमिकता पेंडिंग केसों को निपटाना है।

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पेंडिंग में 6 हजार से ज्यादा केस

तहसील कार्यालयों में काम बंद रहने से भोपाल में करीब 6 हजार से अधिक केस पेंडिंग हो गए हैं। इन मामलों में मुख्यतः नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, बंटवारा, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस जैसे आवेदन शामिल हैं। राजधानी में ही प्रतिदिन ऐसे करीब 500 नए केस दर्ज हो रहे हैं। अब इन मामलों को प्राथमिकता से निपटाना सबसे बड़ी चुनौती है।

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पेंडिंग केस निपटाने में जुटे अधिकारी

लोक सेवा केंद्रों से आने वाले मामलों में तय समयसीमा में समाधान नहीं होने पर ₹250 प्रति दिन का जुर्माना तय है। इससे अधिकारियों पर दबाव और अधिक बढ़ गया है। यही कारण है कि कई अफसर छुट्टियों में भी कार्यालय आकर फाइलों की जांच और निपटान कर रहे हैं। यदि समय पर केसों का समाधान नहीं हुआ, तो अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना लगेगा। मप्र राजस्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र चौहान ने बताया कि केसों का निपटान तेजी से किया जा रहा है और सभी अधिकारी इस काम में पूरी गंभीरता से जुटे हुए हैं।

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