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MP Bhopal News: राजधानी भोपाल में नए कानून के तहत किराएदार, नौकर, मजदूर और ट्रैवल्स से वाहन किराए पर लेने वाले हर एक व्यक्ति की जानकारी पुलिस जुटाएगी। पुलिस को ये जानकारी देने की जिम्मेदारी संबंधित मकान मालिक, संचालक और ट्रैवल्स संचालक की होगी।
आपको बता दें कि ऐसा नहीं करने पर पुलिस भारतीय न्याय संहिता- 2024 की धारा- 223 के तहत कार्रवाई करेगी। इस धारा के तहत 1 साल की जेल और 5 हजार रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है। इस संबंध में भोपाल (MP Bhopal News) पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने आदेश जारी कर दिए हैं। ये आदेश अगले 2 महीने तक शहर में प्रभावी रहेंगे।
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इसलिए जारी किए आदेश
पुलिस कमिश्नर द्वारा जारी किए आदेश में ये उल्लेख किया गया है कि ऐसा भोपाल शहर में आने वाले विभिन्न श्रेणी प्राप्त VIP और वीआईपी भवनों की सुरक्षा के लिहाज से किया गया है। इसके साथ ही ये भी आदेश किया गया है कि लाउडस्पीकर की मदद से शहरी सीमा क्षेत्रों में इस आदेश की जानकारी प्रसारित की जाए।
पुलिस को ये जानकारी देनी जरूरी
- अपने मकान या फिर उसके किसी हिस्से को किराए पर देने पर हफ्तेभर के भीतर किराएदार या पेइंग गेस्ट की जानकारी अपने संबंधित थाने में या फिर एमपी पुलिस सिटीजन पोर्टल पर देनी होगी।
- पहले से रह रहे किराएदार या नौकर की जानकारी ये आदेश जारी होने की तारीख से 15 दिन के अंदर ही पुलिस को देनी होगी।
- अपने घरलू नौकर या उसके सहायक की जानकारी भी संबंधित थाने या एमपी पुलिस सिटीजन पोर्टल पर देना होगा।
- होटल, लॉज, रिसॉर्ट, धर्मशाला के मालिक अपने यहां ठहरने वालों की व्यक्तिगत जानकारी रजिस्टर में दर्ज कर अपने संबंधित थाने में जाकर देंगे।
- इसके अलावा हॉस्टल संचालक भी अपने यहां रह रहे छात्र-छात्राओं की जानकारी थाने में देंगे।
- इसके साथ ही किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने वाले कॉन्ट्रेक्टर अपने मजदूरर या कारीगरों की जानकारी अपने संबंधित थाने में देंगे।
- कोई भी ट्रैवल एजेंसी अपने वाहनों को किराए पर देने से पहले उसकी तस्दीक करेगी और उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी अपने पास रखेंगे। ताकि जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति को पहचाना जा सके।
- कोई भी ट्रैवल एजेंसी अपने वाहन को किराए पर देने के पहले उसकी पहचान की तस्दीक करेगी। उनके पहचान-पत्र की फोटोकॉपी अपने पास रखेंगे। ताकि जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति की पहचान की जा सके
नए कानून में बढ़ी सजा
पुलिस कमिश्नर मिश्र के मुताबिक, पहले आदेश में ये CRPC की धारा-144 के तहत किए जाते थे। इसके तहत IPC की धारा 188 में सामान्यतः एक महीने की जे और 200 रुपए के जुर्माने का प्रावधान था। अब समय पर जानकारी न देने के कारण किसी किराएदार या नौकर कि वजब से किसी को खतरा हुआ तो 1 साल की सजा और 5000 रुपए जुर्माना या दोनों देना होगा।
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