हाइलाइट्स
- देशभर में युद्ध जैसी तैयारी, MP के 5 शहरों में मॉक ड्रिल
- भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और कटनी में ब्लैकआउट
- सायरन और ब्लैकआउट से नागरिकों को किया गया सतर्क
MP Mock Drill and BlackOut: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को भारत के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की गई है। इसका उद्देश्य नागरिकों को युद्ध या आतंकी हमले की स्थिति में सतर्क रहना और सही ढंग से प्रतिक्रिया करना सिखाना है।
मध्य प्रदेश में भी 5 बड़े शहरों में व्यापक अभ्यास किया गया। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और कटनी में युद्ध जैसी स्थिति को लेकर तैयारी की गईं। मॉल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर रेस्क्यू अभ्यास हुआ, साथ ही ब्लैकआउट कर लोगों को सायरन के जरिए सतर्कता सिखाई गई। इस मॉक ड्रिल के दौरान मॉल में आग बुझाने की एक्सरसाइज की गई, हमले में ध्वस्त इमारत से लोगों को बचाने और राहत कार्य का अभ्यास भी किया। पूरे शहर में शाम 7:30 बजे से 12 मिनट का ब्लैकआउट किया गया।
सायरन बजते ही ब्लैकआउट, घरों-दुकानों की लाइट बंद
भोपाल, इंदौर समेत 5 शहरों में आज बुधवार को युद्ध जैसी स्थिति की तैयारी के तहत सिविल डिफेंस मॉकड्रिल के तहत मॉक ड्रिल की गई। शाम को ब्लैकआउट किया गया। लोगों ने खुद से लाइट बंद कर सहयोग किया, कॉलोनी, भवनों में अंधेरा किया, घरों से मार्केट की लाइट बंद की गई। ब्लैक आउट के बाद सभी तरफ अंधेरा छा गया। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर लाइट बंद कर दी गई। विशेष सायरन बजते ही नागरिकों से कहा गया कि वे लाइट बंद करें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं।
भोपाल: डीबी मॉल में दिखाया गया आग का सीन
भोपाल के एमपी नगर स्थित डीबी मॉल में फायर सेफ्टी को लेकर अभ्यास किया गया। मॉल में धुआं उड़ाया गया, आग लगने का सीन क्रिएट हुआ और फायर ब्रिगेड ने आग बुझाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया। मेडिकल टीम ने घायल लोगों को तुरंत रेस्क्यू कर नूतन कॉलेज स्थित अस्थायी अस्पताल पहुंचाया। पुलिस, एयर फोर्स, एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीम ने मिलकर लोगों को रेस्क्यू सिखाया। राजधानी में न्यू मार्केट, भेल परिसर और कोकता में समेत अन्य क्षेत्रों में भी मॉक ड्रिल की गई।
इंदौर: डेंटल कॉलेज और रेसीडेंसी कोठी में रेस्क्यू
इंदौर के डेंटल कॉलेज में आग लगने की स्थिति को दर्शाया गया। यहां फंसे लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान और अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास किया गया। रेसीडेंसी कोठी में बिल्डिंग पर हमले की आशंका के तहत लोगों को बंकर में सुरक्षित पहुंचाया गया।
जबलपुर और अन्य शहरों में भी अभ्यास
जबलपुर के मॉल में भी आग लगने का सीन क्रिएट किया गया, यहां समदड़िया मॉल पर प्रतीकात्मक बम से हमला किया गया, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ। मॉल में आग लगने के बाद चारों तरफ धुआं हो गया। लोगों की चीख-पुकार के साथ भगदड़ मच गई, सूचना मिलते ही सायरन बजना शुरू हुआ, और पुलिस, फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंचीं। इस दौरान लोगों का रेस्क्यू किया गया, घायलों को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
जबलपुर में मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले में बिल्डिंग ध्वस्त होने का सीन क्रिएट किया गया। मलबे में फंसे लोगों को निकाला गया, घायलों को रेस्क्यू कर उन्हें एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल भेजा गया। कटनी में साधुराम स्कूल में आग बुझाने और फंसे लोगों को बाहर निकालने की प्रैक्टिस की गई। ग्वालियर और महू में भी इसी तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
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भोपाल समेत 5 शहरों का चयन क्यों?
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य युद्ध या आपात स्थिति में नागरिकों, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को तैयार रखना है। प्रदेश भोपाल, इंदौर समेत पांच जिलों का चुनाव सुरक्षा और रणनीतिक महत्व के आधार पर किया गया है। राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में सेना, रक्षा और सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण संस्थान मौजूद हैं। कटनी एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन है। इन सभी को रणनीतिक रूप से अहम माना गया है।
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल क्या है?
- सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक पूर्व नियोजित अभ्यास होता है, जिसका उद्देश्य नागरिकों, प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं को युद्ध या आपदा जैसी स्थिति के लिए तैयार करना होता है। इसमें वास्तविक आपात स्थिति जैसी परिस्थितियाँ बनाई जाती हैं, जैसे:
हवाई हमले के सायरन बजाए जाते हैं। - शहर में ब्लैकआउट (बिजली बंद) किया जाता है।
- नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाता है।
- आपातकालीन टीमें रेस्क्यू, मेडिकल और लॉजिस्टिक सपोर्ट का अभ्यास करती हैं।
- इस ड्रिल का मकसद है कि आपदा के समय घबराहट, भ्रम और नुकसान को कम किया जा सके, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना कि सभी विभाग एकजुट होकर काम कर सकें।
- मॉक ड्रिल का उद्देश्य है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति जैसे युद्ध के दौरान नागरिक, प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियां किस तरह और कितनी जल्दी प्रतिक्रिया दे सकती हैं, इसका अभ्यास और मूल्यांकन किया जा सके।
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