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हाइलाइट्स
- भोपाल में स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन।
- स्मार्ट मीटर को लेकर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप।
- कांग्रेसियों ने किया बिजली कंपनी का दफ्तर का घेराव।
Bhopal Smart Meter Congress Protest: मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर को लेकर विवाद बढ़ते जा रहा है। स्मार्ट मीटर के विरोध में बुधवार को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बिजली कंपनी का ऑफिस का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने विरोध जताते हुए आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर परियोजना में पाकिस्तानी कनेक्शन है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने मांग की कि इस ठेके को तुरंत रद्द किया जाए। वहीं जबलपुर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश में लगाए जा रहे सभी स्मार्ट मीटर पूरी तरह भारत में निर्मित हैं और इन्हें 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत तैयार किया गया है।
बिजली कंपनी कार्यालय का किया घेराव
दरअसल, राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। स्मार्ट मीटर के विरोध में कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर है। इसी बीच बुधवार को भोपाल में कांग्रेस के झुग्गी‑झोपड़ी प्रकोष्ठ की अगुवाई में विरोध- प्रदर्शन किया गया। सेकंड स्टॉप स्थित बिजली कंपनी कार्यालय घेरा गया। वहां कांग्रेसियों ने ज्ञापन सौंपा और आरोप लगाए कि स्मार्ट मीटर परियोजना में विदेशी कंपनी अल्फानार शामिल है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है। उन्होंने मांग की कि ठेका तुरंत रद्द किया जाए।
स्मार्ट मीटर का पाकिस्तानी कनेक्शन
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मीटर लगाने से जनता को भारी बिल देना पड़ा है। झुग्गी‑झोपड़ी आवासों में रहने वाले लोगों पर यह बोझ और अधिक है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मीटर बंद होने के बाद भी इकाइयाँ दर्ज करता है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक बिल भेजा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया गया कि स्मार्ट मीटर का पाकिस्तानी कनेक्शन है और ठेका निरस्त होना चाहिए।
स्मार्ट मीटर का विरोध, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
भोपाल में कांग्रेसियों ने बिजली कंपनी का घेराव कर स्मार्ट मीटर पर आपत्ति जताई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटरों में तकनीकी खामियां हैं, जो उपभोक्ताओं को बिना वजह भारी भरकम बिजली बिल थमा रही हैं।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि अल्फानार नामक कंपनी सऊदी की है, जिसमें पाकिस्तान मूल के अधिकारियों की हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि यह संवेदनशील परियोजना है और राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे को देखते हुए ठेका रद्द होना।
जनता पर बढ़ रहा आर्थिक बोझ
कांग्रेस का कहना है कि स्मार्ट मीटर के कारण आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। परिवार यह तय नहीं कर पा रहे कि बिजली का बिल भरें या अपने घर का खर्च चलाएं। स्मार्ट मीटरों से आने वाले बिल पारंपरिक मीटरों की तुलना में तीन गुना तक ज्यादा हैं। यहां तक कि जब बिजली बंद रहती है, तब भी यूनिट चलती रहती है, जिससे उपभोक्ताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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स्मार्ट मीटर का पाक कनेक्शन नहीं
ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने जबलपुर में कहा कि ये मीटर भारत में बनाए गए हैं और “मेक इन इंडिया” योजना के अंतर्गत हैं। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर का पाकिस्तान से कोई कनेक्शन नहीं है। इस महीने 7 लाख उपभोक्ताओं को 7 करोड़ रुपये की छूट मिली। अगर कोई उपभोक्ता मीटर में त्रुटि महसूस करता है, तो वह मीटर बदलवा सकता है या रीडिंग छह सात दिन में जांच करवा सकता है।
विवाद और समाधान की पेशकश
मंत्री तोमर ने कहा कि मीटर और पुराने मीटर में कोई अंतर नहीं आएगा। यदि किसी मीटर की रीडिंग संदिग्ध हो, तो उपभोक्ता इसका आकलन करा सकता है और आवश्यक हो तो मीटर बदलवाया जा सकता है। विवादों का समाधान किया जा रहा है और “गलत रीडिंग” की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा।
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