हाइलाइट्स
- कॉल सेंटर रिश्वत मामले में आरोपी है ASI पवन रघुवंशी
- सस्पेंड के बाद हिरासत में लिए गए, अब फरार हो गए
- ठगी के आरोपियों को बचाने 5 लाख रुपए लेते पकड़ाए थे
Bhopal Call Center Bribery Case: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कॉल सेंटर रिश्वत मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। मामले में कार्रवाई में देरी करने के चलते सस्पेंड किए गए ASI पवन रघुवंशी पुलिस हिरासत से फरार हो गए हैं। इन्होंने ठगी के आरोपी को बचाने के लिए रिश्वत ली थी और पकड़े गए थे। इस मामले में ऐशबाग थाना टीआई समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं।
रिश्वत लेते पकड़ा गया था ASI रघुवंशी
पूरा मामला राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में स्थित कॉल सेंटर से जुड़ा हुआ है। इस मामले में ASI पवन रघुवंशी ने एक आरोपी मोइन खान को बचाने के लिए 15 लाख रुपए रिश्वत लेने सौदा तय किया था। इसकी डील की पहली किस्त के रूप में एएसआई 5 लाख रुपए ले रहा था, इस दौरान क्राइम ब्रांच और जोन-1 की एडिशनल डीसीपी रश्मि मिश्रा समेत उनकी टीम ने दबिश देते हुए एएसआई को रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया था।
ठगी के आरोपियों के नाम हटाने 15 लाख में हुई थी डील
एएसआई पवन रघुवंशी मुख्य आरोपी अफजल खान के साले मोइन खान से रिश्वत ले रहा था। मामले से मोइन खान और कुछ लोगों के नाम हटाने को लेकर 15 लाख रुपए में डील हुई थी। सीनियर अफसरों को सबूत मिलने के बाद पवन रघुवंशी का फोन सर्विलांस पर था। पवन रघुवंशी के घर मोइन खान रिश्वत की राशि लेकर पहुंचा उसी वक्त पुलिस भी पहुंच गई। पूरे मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
फर्जी कॉल सेंटर के 50 कर्मचारियों के नाम थे खाते
ऐशबाग इलाके में संचालित फर्जी कॉल सेंटर के कर्मचारियों के करीब 50 खातों की जानकारी मिली थी। पुलिस ने 29 सिम और करीब 100 कंप्यूटर जब्त किए हैं। बताते हैं ये लोग देशभर में ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे थे। गैंग के सरगना अफजल खान की पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जांच में पता चला कि ऐशबाग टीआई जितेंद्र गढ़वाल और कुछ पुलिसकर्मी कॉल सेंटर संचालकों के साथ मिले हुए थे। लापरवाही और सांठगांठ के आरोप में ऐशबाग टीआई जितेंद्र गढ़वाल समेत 4 पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई पवन रघुवंशी, हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह और रिश्वत देते हुए पकड़ाया अंशुल जैन के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। मामले में खास बात यह है कि जिस थाने में ये भ्रष्ट पुलिसकर्मी पदस्थ थे, उसी ऐशबाग थाने में केस दर्ज हुआ है।
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