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शादी में कन्यादान नहीं: भोपाल में महिला पंडितों ने कराई अनूठी‌ शादी, बताया क्यों नहीं करातीं कन्यादान

MP Bina Kanyadan Wali Shadi: शादी में कन्यादान नहीं: भोपाल (Bhopal) में महिला पंडितों ने कराई अनूठी‌ शादी, बताया क्यों नहीं करातीं कन्यादान

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Preeti Dwivedi
MP-Anokhi-Shadi, bina kanya dan wali shadi

MP-Anokhi-Shadi, bina kanya dan wali shadi

MP Bina Kanyadan Shadi: हिन्दू धर्म में विवाह संस्कार कन्यादान (Bina Kanyadan wali shadi) के बिना अधूरा माना जाता है, लेकिन इस समय मध्यप्रदेश के भोपाल (Bhopal News) की एक अनोखी शादी (MP Anokhi Shadi) चर्चा में बनी हुई है जिसे कन्यादान (Kanyadan Sanskar) के बिना ही विवाह कार्य संपन्न किया गया है।

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भोपाल के बीएचईएल (Bhopal BHEL) में एक अनूठा विवाह संस्कार हुआ है। सबसे बड़ी बात इस विवाह को देश की पहली महिला पुरोहितों द्वारा कराया गया है। जिसे शुभमस्तु (Shubhmastu Group) की 4 महिला पंडितों द्वारा कराया गया है।

दी जाती है ट्रेनिंग

शुभमस्तु ग्रुप में महिला पुरोहितों को खास ट्रेनिंग दी जाती हैं इसमें उन्हें मंत्रोचारण करने के साथ—साथ उसका अर्थ भी समझाया जाता है। इस ग्रुप की सबसे खास बात ये है कि महिलाएं शादी संस्कार के अलावा दुर्गा पूजा, काली पूजा, लक्ष्मी पूजा भी कराती हैं। इसमें गृह प्रवेश से लेकर तेरहवीं तक के संस्कार शामिल हैं।

संगीतमयी होता है मंत्रोचारण

आपको बता दें शुभमस्तु ग्रुप की महिलाएं मंत्रों का उच्चारण संगीतमयी तरीके से समझाती हैं। साथ ही उसका अच्छे तरीके से अर्थ भी समझाती हैं।

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शादी में कन्यादान नहीं

शुभमस्तु ग्रुप की महिला पंडितों की सबसे खास बात ये है कि विवाह में कन्यादान नहीं करातीं। महिला पुरोहितों के अनुसार पहले छोटी उम्र में विवाह कर दिया जाता था। इसी वजह से कन्यादान की परंपरा शुरू हुई थी। अब लड़कियों का विवाह उस उम्र में होता है, जब वे पूरी तरह से पढ़ी-लिखी हैं, आत्मनिर्भर हैं।

​कब से हुई शुभमस्तु की शुरुआत

महिला दल के अनुसार शुभमस्तु दल की शुरुआत 15 साल पहले नंदिन भौमिक द्वारा की गई थी। वह संस्कृति, इंडोलॉजी की विद्वान और थिएटर आर्टिस्ट भी हैं।

वैदिक युग में होती थीं महिला पुरोहित

महिला दल के अनुसार समूह की शुरुआत इसी विचार के साथ हुई कि पहले के समय में यानी वैदिक युग (Vedic Yog) में महिला पुरोहित होती थीं, बीच में समय के अंतराल में यह परंपरा खत्म सी हो गई है। इसे पुनर्जीवित करने के लिए इसकी शुरुआत हुई।

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पहले इसमें समूह में सिर्फ 2 महिलाएं थी। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ी, जिसके बाद इनकी संख्या चार हुईं। वर्तमान में इसमें 18 महिलाएं हैं। इस समूह का यह पहला मप्र दौरा है, जब इन्होंने मध्यप्रदेश में विवाह कार्य संपन्न कराया है।

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