Bhopal News: भोपाल में विशेष न्यायालय (Special Court) ने शनिवार, 29 मार्च को जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के 4 अफसरों और एक खरीदार को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। इन अफसरों ने मिलीभगत कर 1.76 लाख रुपए कीमत की 3.50 एकड़ जमीन को नियम विरुद्ध तरीके से मात्र 50 हजार रुपए में बेच दिया था।
दोषी बैंक अफसरों पर 2-2 हजार की पेनॉल्टी भी लगाई
विशेष लोक अभियोजक हेमलता कुशवाहा ने बताया कि विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह की कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत फैसला सुनाया है। जिसमें दोषी अधिकारियों पर सजा के अतिरिक्त 2-2 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।
बैंक के ये अफसर दोषी करार
बता दें कि जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक भोपाल के तत्कालीन विक्रय अधिकारी हरिहर प्रसाद मिश्रा, विजेंद्र कौशल, महाप्रबंधक अशोक कुमार मुखरईया, सहकारिता निरीक्षक एपीएस कुशवाहा और परमजीत बेदी को धारा 420 सहपठित धारा 120-बी भादवि 13-1(डी) सहपठित 13(2) पीसी एक्ट में दोषी ठहराया गया था।
क्या था पूरा मामला ?
ग्राम फतेहपुर डोगरा तहसील हुजूर जिला भोपाल की कृषक सायरा बानो की लगभग 3.50 एकड़ जमीन थी। जिसकी कीमत लगभग 1 लाख 76 हजार रुपए थी। जिसको आरोपियों ने षड्यंत्र पूर्वक 30 जून 2001 को परमजीत बेदी को मात्र 50 हजार रुपए में बेच दिया था।
किसान सायरा बानो ने कुएं और पंप के लिए वर्ष 1985-86 में इसी जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक से 18 हजार रुपए का लोन लिया था। वर्ष 2000 से 2007 के बीच कृषि भूमि की नीलामी कार्यवाही का सिलसिला कई वर्षों से चल रहा।
किसान को मात्र 9 हजार रुपए का भुगतान करना शेष रह गया था। अधिकारियों ने मिलीभगत कर किसान को बताए बिना एवं विधिवत सूचना दिए बगैर कार्यवाही कर दी। इसके साथ ही भूमि को बाजार मूल्य एवं कलेक्ट्रेट रेट से बहुत कम रेट पर नीलामी कर दी। जो अवैधानिक होने के साथ नियम विरुद्ध भी थी।
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इस तरह आरोपियों ने धोखाधड़ी कर अपने पद का दुरुपयोग किया। साथ ही नीलामी संबंधित नोटशीट के कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और पुष्टि के लिए संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल को भेजा दिया। जहां उनके अवैधानिक रूप से नीलामी की पुष्टि आदेश पारित किया।
मामले के दौरान संयुक्त पंजीयक बीएस वस्केल की मृत्यु हो गई थी। उक्त लिखित सूचना के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने जांच के बाद केस दर्ज किया था।
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