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हाइलाइट्स
7 नवंबर को जारी होगा पहला मॉडल रेट
13 नवंबर तक किसानों को मिलेगा भुगतान
9.36 लाख किसानों ने कराया पंजीकरण
Bhavantar Yojana: सोयाबीन (soybean) की खरीदी में लागू भावांतर भुगतान योजना (Bhavantar Scheme) का पहला मॉडल रेट 7 नवंबर को जारी किया जाएगा। इसके बाद किसानों के खातों में भुगतान की प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार (05 नवंबर) को कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो। योजना के तहत पहला भुगतान 13 नवंबर तक किसानों के खातों में भेजा जाएगा।
15 जनवरी तक चलेगी खरीदी प्रक्रिया
राज्य में सोयाबीन खरीदी का सिलसिला 25 सितंबर से शुरू हुआ था, जो 15 जनवरी 2026 तक जारी रहेगा। इस योजना में अब तक 9.36 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2.20 लाख टन सोयाबीन की खरीदी प्रदेश की मंडियों में पूरी हो चुकी है। शुक्रवार (07 नवंबर) तक सभी मंडियों से खरीदी का डेटा एकत्र किया जाएगा, जिसके आधार पर औसत मॉडल रेट (average model rate) तय होगा। पहले मॉडल रेट के बाद सरकार रोजाना मॉडल रेट जारी करेगी ताकि किसानों को पारदर्शी मूल्य मिल सके।
ऐसे तय होगी भावांतर राशि
भावांतर स्कीम के तहत यह तय किया गया है कि किसान द्वारा बेची गई सोयाबीन की गुणवत्ता के अनुसार भावांतर राशि की गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि मॉडल रेट 4200 रुपए प्रति क्विंटल तय होता है और किसान ने 3800 रुपए प्रति क्विंटल पर सोयाबीन बेची है, तो उसे 400 रुपए प्रति क्विंटल का भावांतर मिलेगा। वहीं, अगर किसान को मॉडल रेट से अधिक यानी 4200 रुपए से ऊपर का भाव मिलता है, तो भावांतर राशि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5328 रुपए के हिसाब से तय होगी। इस प्रकार किसानों को नुकसान की भरपाई मॉडल रेट और बिक्री मूल्य के अंतर के आधार पर दी जाएगी।
MP News: 2.5 लाख संविदाकर्मियों की फिर परीक्षा, 50% अंक लाने पर ही होंगे रेगुलर, नई शर्त से नाराज कर्मचारी
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मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के करीब 2.5 लाख संविदा कर्मचारियों (contract employees) के नियमितीकरण (regularization) की प्रक्रिया में नई शर्त जोड़ दी है। अब इन कर्मचारियों को फिर से परीक्षा देनी होगी और कम से कम 50% अंक (marks) लाने होंगे, तभी उन्हें रेगुलर माना जाएगा। सरकार ने नियमित भर्ती में संविदाकर्मियों के लिए 20% आरक्षण का प्रावधान तो रखा है, लेकिन न्यूनतम अंक न लाने की स्थिति में ये पद फ्रेशर्स (freshers) को दे दिए जाएंगे। यह वही कर्मचारी हैं, जिन्होंने करीब 15 साल पहले विभागीय परीक्षा पास कर संविदा पदों पर नियुक्ति पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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