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भावांतर में विवाद: सरकार ने मंडी बोर्ड से मांगे 1500 करोड़, मंत्री ने किया इनकार, आज से किसानों को देना है राशि

Bhavantar Yojana : मध्य प्रदेश सरकार ने आज से भावांतर भुगतान योजना के तहत किसानों को राशि देना शुरू किया, लेकिन 1500 करोड़ रुपये की फंडिंग को लेकर सरकार और कृषि मंत्री में मतभेद उभर आए हैं।

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anjali pandey
भावांतर में विवाद: सरकार ने मंडी बोर्ड से मांगे 1500 करोड़, मंत्री ने किया इनकार, आज से किसानों को देना है राशि

Bhavantar Yojana :मध्य प्रदेश सरकार शुक्रवार से खरीफ फसलों के लिए भावांतर भुगतान योजना के तहत किसानों को राशि देना शुरू कर रही है। हालांकि, इस योजना की राशि के इंतजाम को लेकर सरकार और मंडी बोर्ड के बीच खींचतान शुरू हो गई है।

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राज्य सरकार ने भावांतर भुगतान के लिए मंडी बोर्ड से 1500 करोड़ रुपये का लोन लेने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने इस प्रस्ताव को सख्त लहजे में खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड के पास पहले से ही सीमित आय है, ऐसे में लोन लेने से उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।

मंत्री ने सुझाव दिया कि राशि का इंतजाम शासन स्तर से किया जाए, या फिर जरूरत पड़ने पर मंडी शुल्क एक साल के लिए 1% बढ़ाकर अतिरिक्त राशि जुटाई जा सकती है। उन्होंने स्पष्ट लिखा कि मंडी बोर्ड किसी भी तरह का लोन नहीं लेगा और सरकार को ही इस राशि की व्यवस्था करनी होगी। मंडी बोर्ड के एडिशनल एमडी अनुराग सक्सेना ने कहा कि जो भी शासन का निर्णय होगा, उसका पालन किया जाएगा।

क्यों उठ रहा है विवाद

सूत्रों के अनुसार, सरकार भावांतर योजना के लिए दी जाने वाली राशि का बोझ मंडी बोर्ड पर डालने की तैयारी कर रही थी। यह राशि बोर्ड को सड़क विकास निधि से चुकानी थी, जिससे कर्मचारियों ने विरोध जताया। कृषि मंत्री को जानकारी मिलते ही उन्होंने तत्काल इस पर आपत्ति जताते हुए चेतावनी दी कि “पर्याप्त आय न होने से मंडी बोर्ड बंद होने की स्थिति में पहुंच सकता है।

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किसानों के पंजीयन और भुगतान प्रक्रिया

राज्य में अब तक 9.36 लाख किसानों ने भावांतर योजना के लिए पंजीयन कराया है। इनमें उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर ऐसे जिले हैं, जहां 50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है।
किसानों को राशि ई-उपार्जन पोर्टल और डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दी जाएगी, जिसकी जानकारी उन्हें SMS के जरिए मिलेगी। यह खरीदी प्रक्रिया 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक चलेगी।

भुगतान में देरी न हो इसलिए लिया जा रहा अस्थायी लोन

कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने बताया कि भावांतर योजना की राशि भारत सरकार से आती है, जिसमें अक्सर 1 से 2 महीने की देरी होती है। भुगतान में देरी न हो, इसलिए मंडी बोर्ड से केवल अल्पावधि लोन लिया जा रहा है। जैसे ही केंद्र से पैसा प्राप्त होगा, राशि लौटा दी जाएगी,” उन्होंने कहा।

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