MP Atithi Shikshak: मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। शिक्षा विभाग ने 30 फीसदी रिजल्ट का बैरियर खत्म कर दिया है। उनके लिए पोर्टल खोल दिया गया है, अब वे पोर्टल पर जाकर अप्लाई कर सकेंगे। सरकार के इस फैसले से 13 हजार अतिथि शिक्षकों को राहत मिली है।
पहले बंद किया गया था पोर्टल
DPI ने 30 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले अतिथि शिक्षकों के लिए पोर्टल बंद कर दिया था। उनकी आईडी ब्लॉक कर दी गई थी। अब पोर्टल में उनकी आईडी अनलॉक कर दी गई है। अब वे भी अप्लाई कर सकेंगे।
बोर्ड क्लास नहीं पढ़ाने वालों का रिजल्ट भी बताया था खराब
अतिथि शिक्षकों के रिजल्ट में काफी विसंगतियां सामने आई थीं। बोर्ड क्लास नहीं पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों का भी रिजल्ट खराब बता दिया गया था। 30 फीसदी से कम रिजल्ट होने से वे पोर्टल पर जॉइन नहीं कर पा रहे थे। DPI ने खराब रिजल्ट वाले अतिथि शिक्षकों भी जॉइन कराने का वादा किया था। 2 दिन बीतने के बाद भी DPI ने कोई आदेश जारी नहीं किया तो अतिथि शिक्षकों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी थी। अब DPI ने इस बैरियर हटाकर अपना वादा निभाया है।
सरकारी टीचर्स की गलती, भुगत रहे थे अतिथि शिक्षक
अतिथि शिक्षक ललित चौरासे ने बताया था कि जब अतिथि शिक्षक का रिजल्ट आया तो उनका 10वीं क्लास का रिजल्ट 30 प्रतिशत से कम दिखाया गया। उनका कहना है कि उन्होंने कभी 10वीं क्लास पढ़ाई नहीं है। वे 6वीं से 8वीं क्लास पढ़ाते हैं। ललित चौरासे 5 अगस्त को भोपाल DPI आए और शिकायत की। उनसे प्रिंसिपल और DO का लेटर लाने को कहा गया। जांच पड़ताल में सामने आया कि 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट गवर्मेंट टीचर का है, ललित चौरासे का रिजल्ट 90 प्रतिशत से ज्यादा है। ऑनलाइन पोर्टल पर भी सरकारी टीचर का नाम है।
हटाया गया 30 फीसदी रिजल्ट का बैरियर
पोर्टल में काफी समस्याएं हैं जिनसे अतिथि शिक्षक परेशान हैं। कई टीचर्स ऐसे हैं जिन्होंने बोर्ड क्लास पढ़ाई नहीं हैं, उनका रिजल्ट भी खराब दिखाया जा रहा था। जबकि ये रिजल्ट सरकारी टीचर्स का था। अतिथि शिक्षकों का रिजल्ट खराब नहीं था। अब DPI ने अतिथि शिक्षकों की मांग मानते हुए 30 फीसदी रिजल्ट वाले बैरियर को हटा दिया है।
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अतिथि शिक्षकों ने किया था महाआंदोलन
10 सितंबर को मध्यप्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षक (MP Atithi Shikshak) अपनी मांगों को लेकर भोपाल पहुंचे थे। अंबेडकर पार्क में बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षकों ने महाआंदोलन किया था और जिम्मेदारों तक अपनी आवाज पहुंचाई थी।
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