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हाइलाइट्स
अर्चना तिवारी गुमशुदगी केस
मिडघाट के घने जंगल में अर्चना की तलाश
मिडघाट इलाके में टाइगर का खतरा
MP Archana Tiwari Missing Case: सिविल जज की तैयारी कर रही एडवोकेट अर्चना तिवारी का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। अर्चना तिवारी की तलाश करने के लिए GRP और वन विभाग की टीम मिडघाट के घने जंगल में उतरी। मिडघाट के जंगल में टाइगर का खतरा है। टाइगर पिछले 2 दिनों में 2 स्थानीय लोगों पर हमला कर चुका है।
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एडवोकेट अर्चना तिवारी लापता[/caption]
4 टीमों ने अलग-अलग की सर्चिंग
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जंगल में सर्चिंग करती GRP और वन विभाग की टीम[/caption]
बुधनी के मिडघाट और बरखेड़ा के बीच 25 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर अलग-अलग हिस्सों में 4 टीमों ने सर्चिंग की। 4 गाड़ियों के काफिले के साथ जॉइंट टीम 10 किलोमीटर अंदर जंगल में पहुंची। GRP के 18 पुलिसकर्मी और अधिकारियो के साथ तलाशी अभियान चलाया गया। सर्चिंग टीम का फोकस है कि कोई अहम सुराग छूटना नहीं चाहिए।
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रेलवे ट्रैक पर सर्चिंग[/caption]
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जंगल में सर्चिंग[/caption]
7 अगस्त को कटनी जाने इंदौर से निकली थी अर्चना
अर्चना तिवारी 7 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर हॉस्टल से निकली थी। वो इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस (18233) में बैठी थी। ये ट्रेन शाम 4 बजकर 10 मिनट पर इंदौर से रवाना होती है। AC कोच B-3 में 3 नंबर सीट अर्चना तिवारी के नाम पर बुक थी। ये दरवाजे के पास की टॉप बर्थ है। जब ट्रेन भोपाल के पास पहुंची तो अर्चना ने फोन पर अपनी चाची से बात की। उस वक्त रात के 10 बजकर 16 मिनट हुए थे।
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इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस में बैठी थी अर्चना तिवारी[/caption]
8 अगस्त को कटनी में नहीं उतरी अर्चना
अगले दिन कटनी साउथ रेलवे स्टेशन पर 6 बजकर 50 मिनट पर नर्मदा एक्सप्रेस पहुंची, लेकिन अर्चना स्टेशन पर नहीं उतरी। उमरिया स्टेशन पर सीट पर उसका बैग रखा मिला, लेकिन अर्चना का कोई पता नहीं चला। परिजन ने कटनी GRP में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसे भोपाल GRP के पास ट्रांसफर की गई है।
भोपाल से नर्मदापुरम के बीच अर्चना के साथ क्या हुआ ?
नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन भोपाल से रात 10 बजकर 5 मिनट पर निकलती है। ये ट्रेन रात 11 बजकर 26 मिनट पर नर्मदापुरम पहुंचती है। भोपाल से नर्मदापुरम जाने में 1 घंटा 21 मिनट का वक्त लगता है। इस 1 घंटे 21 मिनट के वक्त में अर्चना तिवारी के साथ क्या हुआ, इस पर सस्पेंस बरकरार है।
मिडघाट के घने जंगल, टाइगर का खतरा
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मिडघाट इलाके में टाइगर का खतरा[/caption]
भोपाल से नर्मदापुरम तक नर्मदा एक्सप्रेस का रूट मिडघाट के घने जंगलों से होकर गुजरता है। अर्चना की सीट दरवाजे के पास थी। कई बार यात्री आधी रात को नींद के झोंके में वॉशरूम जाने के लिए अपनी सीट से नीचे उतरता है, क्योंकि वॉशरूम दरवाजे के पास होते हैं, तो मुसाफिरों के चलती ट्रेन से नीचे गिरने के केस भी सामने आते हैं। पुलिस को आशंका है कि अर्चना के साथ जंगली इलाके में कोई अनहोनी तो नहीं हुई ? मिडघाट इलाके में टाइगर का मूवमेंट है। टाइगर पिछले 2 दिनों में 2 स्थानीय लोगों पर हमला कर चुका है।
नर्मदा नदी में सर्चिंग
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नर्मदापुरम में नर्मदा नदी पर बना रेल ब्रिज[/caption]
नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन नर्मदा नदी से होकर भी गुजरती है। अर्चना का फोन नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन के आसपास तक स्विच ऑन था। इसके बाद फोन बंद हो गया। पुलिस को आशंका थी कि कहीं अर्चना नर्मदा नदी में तो नहीं गिर गई। गोताखोरों और लाइफ सेविंग स्कवॉड ने नर्मदा नदी में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
क्या अर्चना को किसी ने किया किडनैप ?
आशंका जताई जा रही है कि क्या अर्चना को किसी ने चलती ट्रेन से किडनैप कर लिया है। हालांकि ऐसा होने की संभावना बहुत कम लगती है, क्योंकि अगर अर्चना को किसी ने किडनैप किया होता तो शोर-शराबा होता। बाकी के यात्रियों को पता जरूर चल जाता। भोपाल से नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन के बीच किसी CCTV में ऐसी संदिग्ध एक्टिविटी रिकॉर्ड नहीं हुई है।
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एडवोकेट अर्चना तिवारी[/caption]
क्या खुद कहीं चली गई है अर्चना ?
एक आशंका ये भी है कि क्या अर्चना तिवारी खुद कहीं चली गई है। आमतौर पर जवान लड़के-लड़कियां बिना किसी को बताए कहीं गायब हो जाते हैं, जब वे किसी प्रेम-प्रसंग में होते हैं या घर वाले रिश्ते की रजामंदी से इनकार करते हैं। पुलिस ने अर्चना के फोन का CDR निकाला है, किसी लड़के से ज्यादा लंबी बातचीत का सबूत नहीं मिला है।
अर्चना तिवारी मिसिंग केस में कब क्या हुआ ?
7 अगस्त -अर्चना इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस से कटनी जाने के लिए निकली।
7 अगस्त -रात 10 बजकर 16 मिनट पर अर्चना ने अपनी चाची से फोन पर बात की।
7 अगस्त - नर्मदापुरम के आसपास अर्चना तिवारी का फोन स्विच ऑफ हो गया।
8 अगस्त -अर्चना तिवारी कटनी रेलवे स्टेशन पर नहीं उतरी। उमरिया में ट्रेन की बर्थ पर अर्चना का बैग मिला।
9 अगस्त -कटनी रेलवे पुलिस में परिजन ने अर्चना तिवारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
11 अगस्त -पुलिस ने हॉस्टल के CCTV फुटेज खंगाले, अर्चना फोन पर किसी से बात करती नजर आई।
13 अगस्त -सर्च ऑपरेशन तेज किया गया। GRP, साइबर सेल, SDRF के गोताखोरों की टीमों ने तलाश की।
14 अगस्त -अर्चना के परिवार ने GRP से मुलाकात की और कुछ संदिग्धों के नाम पुलिस को दिए।
16 अगस्त -ऑल इंडिया स्तर पर सर्च अभियान चलाया गया। प्रदेश से लेकर देशभर में अर्चना की तलाश शुरू हुई।
17 अगस्त -GRP और वन विभाग की टीम ने मिडघाट के जंगल में 25 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर सर्चिंग की।
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मध्यप्रदेश के एक बुजुर्ग को देखकर राहुल गांधी ने रोका काफिला, जानें क्या हुई बातचीत
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