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MP के इस जिले में ट्रैफिक व्यवस्था चौपट: बीजेपी विधायक ने CM मोहन यादव को लिखा पत्र, जानें क्या है पूरा मामला

Madhya Pradesh Anuppur Traffic Jam Status: मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार में हालात कुछ ठीक नहीं हैं। आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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BP Shrivastava
MP Traffic Jam Status

हाइलाइट्स

  • विधायक बिसाहूलाल ने ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर CM को लिखा पत्र
  • कहा- अनूपपुर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट, प्रभारी को हटाओ
  • भाजयुमो जिलाध्यक्ष के ज्ञापन का दिया हवाला
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MP Traffic Jam Status: मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार में हालात कुछ ठीक नहीं हैं। आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। इसकी तस्दीक बीजेपी के सीनियर नेता और विधायक को सीएम को लिखा गया पत्र खुद-ब-खुद कर रहा है। विधायक ने इस पत्र में अनपूपुर जिले में ट्रैफिक व्यवस्था खराब होने का जिक्र किया है।

जानें, विधायक ने पत्र में क्या लिखा ?

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 ट्रैफिक प्रभारी पर लगाया अवैध वसूली का आरोप

दरअसल, बीजेपी विधायक ने अनूपपुर की यातायात प्रभारी ज्योति दुबे पर जिले में अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया है। पूर्व मंत्री एवं विधायक बिसाहूलाल सिंह ने यातायात प्रभारी को अनूपपुर जिले से तत्काल हटाया जाने के लिए सीएम मोहन यादव को पत्र भी लिखा है। मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विधायक ने जिला यातायात प्रभारी को तत्काल हटाने की मांग की है। अपनी ही सरकार में ट्रैफि इंजार्च की कार्यशैली से परेशान होकर उन्होंने सीएम को पत्र लिखा है।

पत्र में भाजयुमो जिलाध्यक्ष का दिया हवाला

बीजेपी विधायक बिसाहूलाल सिंह ने भाजयुमो जिला अध्यक्ष रविंद्र राठौर के पत्र का हवाला देते हुए सीएम को पत्र लिखा है। लेटर में ट्रैफिक प्रभारी पर ज्योति दुबे के नाम का जिक्र करते हुए अवैध वसूली का आरोप लगाया है। पत्र में उन्हें जिले से बाहर ट्रांसभर करने की मांग की है। इधर, बीजेपी विधायक द्वारा सीएम को लिखे पत्र को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।

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अब आगे क्या ?

अब देखना है कि अनूपपुर ट्रैफिक प्रभारी ज्योति दुबे के खिलाफ क्या एक्शन होता है ? हालांकि, सीधे विधायक द्वारा अदने से अधिकारी के खिलाफ इस तरह का पत्र कई संदेह पैदा करता है। विधायक सीधे एसपी से भी कह सकते थे और उन पर लगाए गए अवैध वसूली के आरोपों पर अंकुश लग सकता था। प्रथमदृष्टया इस मामले में पुलिस अधीक्षक को दखल देना चाहिए था और सच्चाई सामने लानी चाहिए थी, क्योंकि कही ना कहीं आरोपों के छींटे एसपी पर भी पड़ रहे हैं। अब सवाल है कि एक अधिनस्थ अधीकारी गड़बड़ी कर रहा है और आला अधिकारी कोई एक्शन नहीं ले रहा है तो उसमें उसकी संलिप्तता की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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