MP Academy Shooter Suicide Case Update: खेल विभाग की एमपी शूटिंग अकेडमी भोपाल में शूटर यथार्थ रघुवंशी (17) सुसाइड केस में नया अपडेट सामने आया है। जिसमें यथार्थ के पिता अरुण रघुवंशी ने बताया कि बेटे के सुसाइड करने से पहले मैंने कोच से कहा था यथार्थ से गन और एमओ (बुलट) ले लें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मेरे आने पर सब कुछ खत्म हो गया।
Bhopal: शूटिंग खिलाड़ी यथार्थ का सुसाइड केस, सीनियर खिलाड़ियों पर कार्रवाई की मांग, रघुवंशी समाज ने दिया ज्ञापन#bhopal #commitssuicide #shootingacademy #fires #Player #mpnews #madhyapradesh pic.twitter.com/ytdEqy09pr
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) December 10, 2024
सुसाइड से पहले यथार्थ ने कहा- मरना नहीं चाहता, फंसा दिया
यथार्थ के पिता और अशोक नगर में प्रभारी जिला खेल अधिकारी (खेल विभाग) ने बंसल न्यूज डिजिटल से हुई बातचीत में बताया कि सुसाइड करने से पहले यथार्थ का फोन आया था जिसमें उसने कहा था कि सीनियर्स बहुत टॉर्चर कर रहे हैं। मुझे फंसा दिया है। मैं मरना नहीं चाहता हूं। इस पर पिता के यथार्थ को समझाया था। पिता ने बताया उसने प्रॉमिस भी किया कि वह कोई गलत कदम नहीं उठाएगा और यह भी बोला- Love You Papa.
इसके बाद तत्काल कोच इंद्रजीत सिकदर से कहा था यथार्थ टेंशन में है, आप उससे गन और एमओ (बुलेट) ले लें। बाकी मैं आकर देख लूंगा।
पिता को प्रॉमिस कर 1 घंटा भी नहीं किया इंतजार
जानकारी के मुताबिक यथार्थ की अपने पिता अरुण रघुवंशी से 1 दिसंबर 2024 को शाम 3.57 बजे तक मोबाइल पर चैट होती रही। इसके बाद चूंकि अरुण खुद अकेले कार ड्राइव कर भोपाल आ रहे थे। इसलिए शाम को एकेडमी में मिलने का यथार्थ ने प्रॉमिस किया। पिता भोपाल पहुंचते और विवाद को खत्म कराते इससे पहले ही यथार्थ ने 4.54 बजे अपनी शॉटगन से फायरकर खुद को गोली मार ली। यानी पिता और बेटे में हुई चैट के एक घंटे में ही यथार्थ ने सुसाइड कर लिया। पिता को सिर्फ इस बात का मालाल है कि यदि यथार्थ की थोड़ी देर मॉनिटनिंग हो जाती यानी उससे गन और एमयो ले लिया जाता तो शायद वो बच जाता।
सुसाइड नोट में 6 सीनियर्स के नाम
शूटर यथार्थ ने सुसाइड से पहले ऑनलाइन भेजे सुसाइड नोट में 6 खिलाड़ियों के नाम हैं। यह नोट एकेडमी की खिलाड़ी से होता हुआ यथार्थ के परिजन के पास पहुंचा था, लेकिन पिता अरुण रघुवंशी को काफी देर बाद मिला।
एकेडमी के इंचार्ज का पता नहीं, कोच ने भी चुप्पी साधी
एमपी शूटिंग एकेडमी के इंचार्ज संजीव गुप्ता से मामले के बारे में जानने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया, इसी तरह का व्यवहार कोच इंद्रजीत सिकदर का रहा। सिकदर एकेडमी में पहले शॉटगन के प्लेयर्स थे। अब कोच बन गए हैं। हालांकि, इतनी महत्वपूर्ण एकेडमी में कोई प्रशासक अब तक अपॉइंट नहीं हुआ है। लम्बे समय से विभागीय कर्मचारियों को ही इंचार्ज बनाकर काम चलाया जा रहा है।
यहां बता दें, खेल विभाग की एकेडमियों में स्ट्रैक्चर (संरचना) के मुताबिक हर एकेडमी में प्रशासक की नियुक्ति का प्रावधान है, लेकिन अधिकतर एकेडमियों में प्रशासक नियुक्त नहीं है।
कोच को बना दिया एकेडमी का इंचार्ज
खेल विभाग की सबसे महत्वपूर्ण शूटिंग अकेडमी का इंचार्ज वाॅटर स्पोर्ट्स के कोच संजीव गुप्ता को बना दिया गया है। उनका शूटिंग से दूर-दूर तक का लेना देना नहीं है। इतना ही नहीं बैकडोर से संजीव गुप्ता को असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर बैठा दिया गया है।
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