मरवाही: जहां कोरोना संक्रमण से लाखों की जान बचा रहे स्वास्थ्य कर्मियों को लोग भगवान का दर्जा दे रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग के गौरेला में जिला स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों का अमानवीय चेहरा सामने आया है। यहां स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही के कारण एक मां अपने मृत बच्चे को गर्भ में लेकर दो दिनों तक इजाल के लिए भतकती रही।
सुविधा नहीं होने का दिया हवाला
मिली जानकारी के अनुसार प्रसव पीड़ा होने के बाद गर्भवती महिला पति के साथ जिला अस्पताल पहुंची। यहां ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ ने महिला को गर्भ में ही बच्चे की मौत की जानकारी दी। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने अस्पताल में सुविधा नहीं होने की बात कहकर बिलासपुर सिम्स रेफर कर दिया। जब महिला बिलासपुर सिम्स पहुंची तो वहां भी मामला पता चलने के बाद भी महिला को भर्ती नहीं किया गया।
निजी अस्पताल में 20 हजार देकर कराई डिलीवरी
पीड़िता के पति के अनुसार बिलासपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने लॉकडाउन और कोरोना का हावाला देते हुए पत्नी को भर्ती करने से मना कर दिया। इसके चलते उसी 108 से पत्नी को बिलासपुर से वापस सीएचसी गौरेला लेकर गुरुवार सुबह पहुंचा। सीएचसी में डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन करने से मना कर दिया। इसके बाद वह गर्भवती को गौरेला के ही एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचा। जहां 20 हजार रुपए देकर उसने महिला की डिलीवरी कराई।