NEPAL/KATHMANDU: तारा विमान(tara plane) की चर्चाएं आप सुन रहे होंगे कि नेपाल(nepal) का तारा विमान खो गया था।अब मिल गया है।बता दें इस विमान में 22 यात्री सवार थे। जिसमें से भारतीयों की संख्या 4 थी। जोमसोम एयरपोर्ट के ट्रैफिक कंट्रोलर ने कहा है कि घासा में एक तेज धमाके की रिपोर्ट सामने आई थी। अब कोबन गांव के मुस्टांग में विमान का मलबा मिला है।और सभी लोगों की दुखद मृत्यु हो गई है।
बहरहाल इस सब के बीच नेपाल के एयरपोर्टस की चर्चाएं तेज हो गईं हैं।लोग आपस में पूंछ रहे हैं कैसे इन उंची-उंची पहाड़ियों में एयरपोर्ट हैं।इस खास खबर में नेपाल में स्थित दुनिया के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट(MOST DANGEROUS AIRPORT) के बारे में बताने जा रहे हैं,जहां देखने भर से लोगों की सांसें थम जाती है।
लुकला एयरपोर्ट या तेंजांग हिलेरी एयरपोर्ट है इसका नाम
नेपाल के हिस्से के हिमालय के पास करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लुकला एयरपोर्ट (LUKLA AIRPORT)बेहद खतरनाक और डरावना एयरपोर्ट है। इसका दूसरा नाम तेंजिंग-हिलेरी एयरपोर्ट (Tenzing-Hillary Airport) भी है। अगर आप हिमालय की यात्रा करना चाहते हैं और घंटों बस से ट्रैवल आपको पसंद नहीं है तो इस एयरपोर्ट पर लैंड करने का विकल्प आजमा सकते हैं, शर्त है कि आप डरावने अनुभव के लिए तैयार रहें।
चूंकि नेपाल में काफी पर्यटक हिमालय की यात्रा करने आते हैं, इसलिए यह एयरपोर्ट काफी व्यस्त रहता है। हालांकि यह इतना छोटा है कि कोई भी बड़े विमान यहां लैंड नहीं करते। कहा जाता है विश्व की सबसे उंची चोटी मांउंट एवरेस्ट पर चढ़ने से भी ज्यादा ड़रावना, इस रनवे पर उतरना है।
क्यों है ये इतना खतरनाक-MOST DANGEROUS AIRPORT
यहां मौसम काफी खराब रहता है। रडार भी ठीक से काम नहीं करते, इसलिए पायलट को अंदाज से आंखों से देखकर नैविगेट करना होता है। इसका रनवे काफी छोटा है और जरा सी चूक से विमान सीधे पहाड़ से टकरा सकता है। चूंकि जल्दी ही यहां घना कोहरा छा जाता है या तेज हवाएं चलने लगती है, इसलिए हर दिन कुछ घंटे के दौरान ही यहां विमान की आवाजाही होती है। रनवे पर मौजूद ट्रैक की चौड़ाई महज 65 फीट है। ट्विन ओटर और ड्रोनियर जैसी फ्लाइट यहां आती है।
तारा विमान
तारा विमान भी नेपाल के जाने-माने खतरनाक हवाई पट्टी से निकला था।इसका इस एयरपोर्ट से कनेक्शन नहीं था।जहां तक हादसे की बात है इसका कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस प्लेन का हादसा कैसे हुआ है। लेकिन जानकारों का कहना है उचाई या मौसम की खराबी इसका कारण हो सकता है।