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हाइलाइट्स
- मुरैना में पोरसा में ग्वालियर लोकायुक्त की कार्रवाई।
- 20 हजार की रिश्वत लेते कर्मचारी को किया गिरफ्तार।
- क्लर्क ने पेंशन जारी करने के बदले मांगी थी रिश्वत।
Morena Porasa Rishwat Case Lokayukta Action: मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी पर लगाम नहीं लग रही है। रोजाना किसी न किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के रिश्वत लेते पकड़े जाने की खबर सामने आ रही है। बावजूद इसके, सरकारी महकमे में रिश्वत और कमीशन का खेल लगातार जारी है। ऐसा लगता है मानो भ्रष्टाचारियों को न तो कार्रवाई का डर है और न ही कानून का खौफ।
अब मुरैना के पोरसा से रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। जहां ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जनपद पंचायत कार्यालय के क्लर्क को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह मामला पेंशन संबंधी सेवा में भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायत से जुड़ा है।
पेंशन जारी करने मांगी रिश्वत
ग्वालियर लोकायुक्त यह कार्रवाई रिटायर्ड कर्मचारी की शिकायत के बाद की है। पेंशन विभाग में रिटायर्ड कर्मचारी तेजनारायण नरवरिया ने अपनी शिकायत में बताया था, वे मई 2025 को सेवानिवृत्त हुए थे, रिटायरमेंट के बाद उन्हें फंड और पेंशन भुगतान से जुड़े कार्य करवाना था।
रिटायर्ड कर्मचारी ने शिकायत में बताया कि पोरसा जनपद कार्यालय के सहायक ग्रेड‑3 कर्मचारी सतीश गोले ने 8 लाख रुपए के फंड और पेंशन जारी कराने के एवज में उनसे 20 हजार रुपए की डिमांड की है। बाबू ने साफ कहा था बगैर पैसे दिए काम नहीं होगा। जिसके बाद परेशान होकर उन्होंने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
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रिश्वत लेते बाबू सतीश गोले गिरफ्तार
रिटायर्ड कर्मचारी की शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने सत्यापन कराया। शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त डीएसपी विनोद कुशवाह के नेतृत्व में टीम ने ट्रैप ऑपरेशन किया। लोकायुक्त की टीम पोरसा जनपद कार्यालय पहुंची। जैसे ही रिटायर्ड कर्मचारी ने
विभाग के बाबू सतीश गोले को 20 हजार रुपए दिए वैसे ही टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। अब मामले में आरोपी कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वहीं इस कार्रवाई के बाद पंचायत कार्यालय हड़कंप मच गया।
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