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Morbi Bridge Collapse: मोरबी में हुए केबल ब्रिज हादसे (Morbi Bridge Collapse) के बाद पहली कार्रवाई हुई है। पुल हादसे की जांच कर रही एसआईटी ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं पुल के रखरखाव के जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी के मैनेजर को भी हिरासत में लेने की जानकारी सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक, कंपनी के लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि बीते 30 अक्टूबर की शाम 6.30 बजे 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। जिस वजह से उस पर मौजूद लोगों में से अब तक 150 से ज्यादा की जान जा चुकी है। वहीं अभी कई लोगों की तलाश जारी है। सीएम भूपेंद्र पटेल भी मोरबी में रेस्क्यू अभियान का जायजा लेने पहुंचे हैं।
बता दें कि पुल गिरने की वजह को लेकर अब वहां खुद पीड़ितों ने बड़ा खुलासा किया है, जिसमें ये बात निकल कर सामने आई है कि पुल गिरने से ठीक पहले कुछ शरारती युवा उसके केबल को पकड़कर जोर-जोर से हिला रहे थे। इससे पुल बुरी तरह कांप रहा था और शायद यही कंपन तारों के टूटने का कारण बना, जिसके चलते पूरा पुल ढह गया।
दरअसल, न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे में बचे अश्विन मेहरा ने बताया कि शाम को करीब 6.30 बजे कुछ शरारती लोग अचानक पुल की रस्सियों को पकड़कर जोर-जोर से हिलाने लगे। इससे पुल में बहुत जोर की आवाज हो रही थी। लोगों ने उन्हें रस्सी ऐसे हिलाने से मना भी किया, लेकिन वे नहीं माने। पुल के गिरने से पहले 3 बार बहुत-बहुत जोर की आवाजें हुईं मानो रस्सी टूट रही है। इसके बाद पुल टूट गया।
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साथ ही अश्विन ने बताया कि वह और उनका दोस्त प्रकाश नीचे गिरते समय पेड़ की टहनियों में उलझ गए, जिससे उनकी जान बच गई। हालांकि उनकी गर्दन और पैर में बहुत ज्यादा चोट आई है। उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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