सोमवार बुद्ध पूर्णिमा की सुबह जब चंद्रमा आपसे विदा लेकर पश्चिमी देशों में उदित हो रहा होगा तब उन देशाें में चंद्रमा पर पृथ्वी की घनी छाया पड़ने से पूर्ण चंद्रग्रहण की घटना होगी और वह तामिया लाल रंग का दिख रहा होगा, इसे ब्लडमून का नाम दिया गया है। भारत सरकार का नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने साल के पहले चंद्रग्रहण की खास बातों की जानकारी दी। सारिका ने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण (टोटल लुनार इकलिप्स ) की यह घटना नार्थ और साउथ अमेरिका के अलावा यूरोप और अफ्रीका के कुछ भागों में दिखाई देगी। यह वेस्ट कोस्ट में शाम 8 से 11 बजे के प्राइमटाईम के बीच पड़ने वाला इस सदी का सबसे लंबी अवधि का पूर्ण ग्रहण होगा इसलिये इसे सेंचुरी का लांगेस्ट प्राइम टाईम टोटेलिटी कहा जा रहा है। पूर्णता की अवधि 1 घंटे 25 मिनिट होगी।
सारिका ने बताया कि इस साल 8 नवम्बर में पड़ने वाला अगला चद्रग्रहण भी 1 घंटे 24 मिनिट 54 सेकंड की टोटेलिटी का होगा। इसलिये यह एक ही कैलेंडर ईयर में पड़ने वाला मोस्ट बेलेंन्स्ड पेयर ऑफ टोटल लुनार इकलिप्स है। यह सन 1661 के बाद होने वाली घटना है जो कि अब आगे 2091 में होगी। सारिका ने कहा कि यह ग्रहण हालाकि भारत में नहीं दिखेगा लेकिन वैश्वीकरण के इस दौर में जबकि अनेक भारतीय युवा अमेरिका में हैं तो वे जब उनकी शाम के आकाश में ग्रहण देख रहे होंगे और तब भारत में बुद्ध पूर्णिमा की सुबह हो चुकी होगी।
कुछ प्रमुख शहर जहां पूर्ण चंद्रग्रहण दिखेगा-
रोम,लंदन ,पेरिस,जहांनसबर्ग , वाशिंगटन डीसी, न्यूयार्क , लॉसएजेंलिस ,षिकागो
ग्रहण की अवस्था भारत में समय 16 मई 2022 सुबह
उपछाया ग्रहण (पेनुम्ब्रल इकलिप्स) आरंभ 07 बजकर 2 मिनिट 5 सेकंड
पूर्ण ग्रहण (टोटल इकलिप्स) आरंभ 08 बजकर 59 मिनिट 03 सेकंड
पूर्ण ग्रहण (टोटल इकलिप्स) समाप्त 10 बजकर 23 मिनिट 55 सेकंड
उपछाया ग्रहण (पेनुम्ब्रल इकलिप्स) समाप्त 12 बजकर 20 मिनिट 49 सेकंड
ग्रहण की खास बातें-
ग्रहण की पूर्ण अवधि 5 घंटे 19 मिनिट
पूर्ण ग्रहण की अवधि 1 घंटा 25 मिनिट